शिवसेना ने बढ़ाई भाजपा की मुश्किल, मांगा डिप्टी स्पीकर का पद

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लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना ने लोकसभा में डिप्टी स्पीकर का पद मांगकर भाजपा की मुश्किल बढ़ा दी है। पार्टी का कहना है कि इस चुनाव में शिवसेना के 18 सांसद चुनकर आए हैं, लेकिन सरकार में उसका प्रतिनिधित्व नगण्य है।



मुंबई, 06 जून (हि.स)। लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना ने लोकसभा में डिप्टी स्पीकर का पद मांगकर भाजपा की मुश्किल बढ़ा दी है। पार्टी का कहना है कि इस चुनाव में शिवसेना के 18 सांसद चुनकर आए हैं, लेकिन सरकार में उसका प्रतिनिधित्व नगण्य है।

शिवसेना का आरोप है कि उसके साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जा रहा है। सरकार में उसके एक सांसद को भारी उद्योग विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। एनडीए गठबंधन में भाजपा के बाद सबसे ज्यादा सांसद शिवसेना के हैं और यह दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के 16 सासंद हैं, लेकिन जेडीयू ने मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। मोदी सरकार के शपथ ग्रहण से ठीक पहले ही जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) की नाराजगी सामने आई थी। अब शिवसेना नेता संजय राउत ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी ने लोकसभा में डिप्टी स्पीकर पद को शिवसेना को देने की मांग रखी है।

राउत ने अपनी मांग जायज बताते हुए कहा है कि हमारी पार्टी का गठबंधन सरकार में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के कारण अधिकार बनता है। डिप्टी स्पीकर का पद शिवसेना को मिलना चाहिए। इसके अलावा शिवसेना ने अपनी पार्टी के एनडीए में एकमात्र प्रतिनिधि अरविंद सावंत के पोर्टफोलियो को भी बढ़ाने और बड़ी जिम्मेदारी देने की बात कही है।

उल्लेखनीय है कि एनडीए सरकार में मुंबई दक्षिण से चुनकर आए अरविंद सावंत को हैवी इंडस्ट्रीज एंड पब्लिक एंटरप्राइजेज मिनिस्ट्री का जिम्मा सौंपा गया है। शिवसेना की ओर से बताया गया कि उनकी पार्टी की सांसद भावना गवली लगातार तीसरी बार सांसद बनी हैं। वह वाशिम यवतमाल से सांसद चुनी गई हैं। सरकार में उन्हें भी मंत्री बनाया जाना चाहिए। गवली की नाराजगी को देखते हुए शिवसेना ने डिप्टी स्पीकर का पद मांगा है।

 


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