नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल में बंद कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है।
जस्टिस सुरेश कैत ने डीके शिवकुमार को 25 लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी है। कोर्ट ने डीके शिवकुमार को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने डीके शिवकुमार को निर्देश दिया कि वो सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे। वे ट्रायल कोर्ट की अनुमति के देश से बाहर नहीं जाएंगे। ईडी ने डीके शिवकुमार को तीन सितम्बर को गिरफ्तार किया था।
कोर्ट ने पिछले 17 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से एएसजी केएम नटराज ने कहा था कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने तीन अलग-अलग स्थानों से 8.54 करोड़ रुपये जब्त किया था।
नटराज ने कहा था कि यह भारतीय दंड संहिता की धारा-120(बी) के तहत अपराध है। उन्होंने कहा था कि डीके शिवकुमार जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्हें उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर धारा-19 के तहत गिरफ्तार किया गया। नटराज ने कहा था कि डीके शिवकुमार ने चुनाव के दौरान 800 करोड़ की संपत्ति घोषित की है। उनके पास 24 कृषि भूमि है। ये साफ है कि ये संपत्तियां अवैध हैं।
पिछले 15 अक्टूबर को डीके शिवकुमार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें रखते हुए कहा था कि इनकम टैक्स एक्ट के तहत किसी व्यक्ति की हिरासत की जरूरत नहीं है। सिंघवी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने दूसरे अभियुक्तों को सुरक्षा दी है। उन्होंने कहा था कि इनकम टैक्स एक्ट के तहत किसी व्यक्ति की हिरासत की जरूरत नहीं है। डीके शिवकुमार सात बार विधायक रह चुके हैं और वे सवालों से कभी नहीं भागे। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि अगर डीके शिवकुमार झूठी सूचना देते तो निर्वाचन आयोग चुप नहीं बैठा रहता।
पिछले 14 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान ईडी ने अतिरिक्त स्टेटस रिपोर्ट दाखिल किया था। स्टेटस रिपोर्ट में ईडी ने डीके शिवकुमार की जमानत याचिका का विरोध किया था। डीके शिवकुमार ने ट्रायल कोर्ट से जमानत रद्द करने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने कोर्ट से जमानत देने की मांग की है। पिछले 25 सितम्बर को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने डीके शिवकुमार की जमानत याचिका खारिज कर दिया था।
राऊज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज अजय कुमार कुहार ने अपने फैसले में कहा था कि जांच अभी अहम मोड़ पर है और डीके शिवकुमार को अभी जमानत देना जांच पर असर डाल सकता है। कोर्ट ने कहा था कि डीके शिवकुमार एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और गवाहों और साक्ष्यों को प्रभावित कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा था कि ईडी ने कुछ दस्तावेज दिखाए हैं, जिनमें 317 खातों की सूची और संपत्तियां भी शामिल हैं। कोर्ट ने कहा था कि जांच एजेंसी को स्वतंत्र तरीके से जांच करने का मौका मिलना चाहिए। कोर्ट ने कहा था कि जमानत याचिका पर विचार करते समय व्यक्तिगत स्वतंत्रता का ध्यान रखा गया लेकिन समान के हित को दरकिनार नहीं किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने डीके शिवकुमार की पत्नी और मां के खिलाफ समन जारी किया था। डीके शिवकुमार की पत्नी और मां ने ईडी के समन के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर किया था। हाईकोर्ट ने ईडी के समन पर रोक लगा दिया था।