मुंबई, 10 जुलाई (हि.स.)। कर्नाटक का सियासी ‘नाटक’ महाराष्ट्र तक पहुंच गया है। कर्नाटक में सत्तारूढ़ जेडीएस-कांग्रेस की सरकार अस्थिर दिख रही है, इस बीच भाजपा राज्य में अपनी सरकार बनाने की जुगत में है। शह और मात के इस खेल में जीत हासिल करने के लिए कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ अधिकारी जहां बागी विधायकों को मनाने के लिए जुटे हैं, वहीं कांग्रेस के कुछ नेताओं का अहंकार और बोड़बोलापन कांग्रेस के प्रयासों पर पानी फेरने का काम कर रहा है। बुधवार को कर्नाटक सरकार के बागी विधायकों को मनाने के लिए डी.के. शिवकुमार मुंबई के रिनैंसांस होटल पहुंच गए हैं। हालांकि उन्हें मुंबई पुलिस ने होटल के अंदर नहीं जाने दिया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इससे पहले रविवार और सोमवार को यूथ कांग्रेस के पदाधिकारियों ने भी बीकेसी में जोरदार हंगामा किया था।
कर्नाटक में जारी सियासी बाधा को सुलझाने के लिए शनिवार से ही शिवकुमार प्रयासरत हैं। कांग्रेस के नौ विधायकों के इस्तीफे के बाद से कर्नाटक में जेडीएस के तीन मंत्रियों ने भी इस्तीफा सौंप कर मुंबई में पनाह ली थी। बुधवार सुबह बागी विधायकों से मिलने मुंबई पहुंचे शिवकुमार को उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा है। उनके साथ ही मिलिंद देवड़ा, नसीम खान समेत कुछ अन्य कांग्रेस नेताओं को भी पवई के होटल के पास देखा गया लेकिन पुलिस ने किसी को भी होटल के भीतर जाने की मंजूरी नहीं दी गई।
उल्लेखनीय है कि डी.के. शिवकुमार पहले भी कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी के तारणहार बने थे। शिवकुमार को कर्नाटक में ‘चुनावी प्रबंधन का चाणक्य’ कहा जाता है। वह पार्टी को हर संकट से उबारने में सफल रहे हैं। वे फंड जुटाने के साथ-साथ सभाओं में भीड़ जुटाने का काम करते रहे हैं। कांग्रेस में शिवकुमार का कद बड़ा है। उनके कारण ही कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस का समझौता हो पाया। उन्होंने न केवल गठबंधन बचाया बल्कि भाजपा से अपने विधायकों को भी बचाने में सफलता पाई थी।