महिला क्रिकेट की बेहतरी के लिए जमीनी स्तर पर विकास करने की जरूरत: शिखा पांडे
नई दिल्ली, 28 जून (हि.स.)। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की तेज गेंदबाज शिखा पांडे ने कहा है कि महिला क्रिकेट की बेहतरी के लिए नियमों को बदलने के बजाय, इसके लिए प्रचार-प्रसार के अलावा जमीनी स्तर पर विकास करने की जरूरत है।
उनकी यह टिप्पणी कई क्रिकेटरों द्वारा महिलाओं के खेल के प्रति अधिक दर्शकों को आकर्षित करने के लिए एक छोटी गेंद या छोटी पिच का उपयोग करने के सुझाव के बाद आई है।
पांडे ने लगातार कई ट्वीट्स कर अपनी बात स्पष्ट की कि क्यों महिलाओं के खेल के लिए नियमों को बदलने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने अपने पहले ट्वीट में लिखा, “मैं उन सब बदलावों के बारे में सुन-पढ़ रही हूं जो महिला क्रिकेट की बेहतरी के लिए चर्चा में हैं और जिनकी सिफारिश की जा रही है ताकि महिला क्रिकेट को ज्यादा आकर्षित बनाया जाए। मुझे निजी तौर पर लगता है कि यह सभी सुझाव निर्राथक हैं।”
उन्होंने कहा, “ओलम्पिक में महिला धावक स्वर्ण पदक जीतने के लिए 100 मीटर की रेस में 80 मीटर नहीं दौड़ती हैं और न ही अपने पुरुष प्रतिद्वंदी की तरह समान समय निकालती हैं। इसलिए पिच की लंबाई कम करना, चाहे जो भी कारण हो, यह संदेहात्मक है।
उन्होंने लिखा, “गेंद का आकार कम करना ठीक है, लेकिन जैसा इयान स्मिथ ने कहा, यह तभी काम करेगा जब वजन समान रहेगा। इससे गेंदबाजों को गेंद को पकड़ने में मदद मिलेगी। स्पिनरों को मदद मिलेगी और शॉट्स भी दूर तक जाएंगे।”
उन्होंने ट्वीट किया, “बाउंड्रीज को कम नहीं कीजिए। हमने हाल ही में अपनी पावर हिटिंग से आप सभी को हैरान किया है। इसलिए याद रखिए यह सिर्फ शुरुआत है, हम बेहतर हो जाएंगे। धैर्य रखिए। हम योग्य खिलाड़ी हैं और सुधार कर रहे हैं।”
शिखा ने लिखा कि महिला क्रिकेट को पुरुष क्रिकेट से अलग हटकर देखने की जरूरत है। उन्होंने इसके लिए इसी साल मेलबर्न में हुए महिला टी-20 विश्व कप के फाइनल में आई दर्शकों की भीड़ का जिक्र किया।
उन्होंने कहा, कृपया महिला क्रिकेट, महिला खेल की पुरुषों के खेल से तुलना न करें। हमें इसे एक अलग खेल के तौर पर देखना होगा। एक ऐसा खेल जिसके लिए आठ मार्च को 86,174 दर्शक आए थे और लाखों लोगों ने घर पर टीवी पर देखा था। इस साल की शुरुआत में, भारत और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ महिला टी 20 विश्व कप का फाइनल मैच खेला गया था। मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में खेले गए इस खिताबी मुकाबले के साक्षी रिकॉर्ड 86,174 दर्शक बने थे।