मोहर्रम को लेकर पुलिस मुख्यालय से जारी गाइड लाइन पर शिया उलमा नाराज
लखनऊ, 02 अगस्त (हि.स.)। मोहर्रम को लेकर पुलिस मुख्यालय से जारी की गई गाइड लाइन पर शिया उलमा ने सोमवार को अपनी नाराजगी व्यक्त की है। कहा कि इस पत्र को तैयार करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाये। शिया धर्मगुरू मौलाना कल्बे जवाद ने पूरे प्रदेश की मोहर्रम कमेटियों को पुलिस की किसी भी बैठक में नहीं शामिल होने का फरमान सुनाया है।
चन्द्र दर्शन के मुताबिक, इस साल 10 अगस्त से शुरू हो रहे मोहर्रम को लेकर पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल ने विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। इस गाइडलाइन की भाषा को लेकर शिया उलमा का काफी रोष देखने को मिल रहा है।
दरअसल, डीजीपी कार्यालय से मोहर्रम के संबंध में जारी निर्देश में शिया समुदाय की ओर से तबर्रा पढ़ने की बात कही गई। जिसमें कहा गया कि कुछ असामाजिक तत्व जानवरों की पीठ पर और पतंगों पर ऐसी बातें लिखकर उड़ाते हैं जिन पर सुन्नी समुदाय को ऐतराज होता है। इसको लेकर अमन चैन बिगड़ने की अधिक आशंका रहती है।
पुलिस प्रशासन की गाइडलाइन से शिया समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत
पुलिस मुख्यालय से जारी गाइड लाइन को लेकर स्व.मौलाना कल्बे सादिक के बेटे मौलाना कल्बे सिब्तैन नूरी ने कहा कि पुलिस प्रशासन की गाइडलाइन से शिया समुदाय के धार्मिक भावनाएं आहत हुई है। शिया समुदाय पर सीधे तौर पर बेबुनियाद इल्जाम लगाए गये हैं। कहा कि जारी गाइडलाइन के ड्राफ्ट को बदला जाये।
गाइड लाइन से शिया और सुन्नी के बीच पनपेगा विवाद
इमामे जुमा मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि मोहर्रम की रूह को समझें बगैर पुलिस मुख्यालय की ओर से बयान जारी किया गया है। मोहर्रम में किसी तरह का हुड़दंग नहीं होता। उन्होंने कहा कि डीजीपी की ओर से जारी गाइड लाइन को लेकर प्रदेश में शिया और सुन्नी के बीच विवाद पैदा हुआ है।
बयान डीजीपी का नहीं बल्कि अबुबक्र बगदादी का प्रतीत होता
मौलाना ने कहा कि ये बयान डीजीपी का नहीं बल्कि अबुबक्र बगदादी का प्रतीत हो रहा है। उन्होंने मोहर्रम सर्कुलर के विरोध में पूरे प्रदेश की मोहर्रम कमेटियों को पुलिस की किसी भी मीटिंग मे शामिल ना होने को कहा है। साथ ही यह भी कहा है कि अगर कोई भी अप्रिय घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी स्वयं डीजीपी की होगी।
वहीं, इस संबंध में डीजीपी ने कहा कि मोहर्रम को लेकर जो गाइड लाइन जारी की गई है वो पिछले वर्ष जारी हुए गाइइलाइन को देखकर ही जारी किया गया है। जो पत्र वायरल हो रहा है उसके बारे में अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था को जांच करने को कहा गया है।