सरकार के फैसले से क्रिप्टो करेंसी मार्केट में खलबली, आभासी मुद्राओं में तेज गिरावट जारी
नई दिल्ली, 24 नवंबर (हि.स.)। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान क्रिप्टो करेंसी के नियमन और उन पर पाबंदी से संबंधित विधेयक लाने के केंद्र सरकार के फैसले ने क्रिप्टो करेंसी मार्केट में हलचल मचा दी है। दुनिया भर की तमाम क्रिप्टो करेंसी पर इस फैसले ने काफी प्रतिकूल असर डाला है। क्रिप्टो करेंसी मार्केट में एक दिन में ही ज्यादातर आभासी मुद्राओं में 10 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आ गई।
शीतकालीन सत्र के दौरान क्रिप्टो करेंसी को रेगुलेट करने के लिए भारत सरकार द क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल- 2021 पेश करने वाली है। इस बिल के प्रावधानों के मुताबिक भारत में सभी निजी क्रिप्टो करेंसी पर पाबंदी लगाई जा सकती है। इसके साथ ही इस बिल के जरिए भारतीय रिजर्व बैंक को आधिकारिक डिजिटल करेंसी लाने के लिए फ्रेमवर्क भी मुहैया कराया जाएगा।
संसद में क्रिप्टो करेंसी बिल को पेश करने का फैसला होने के बाद दुनिया की सबसे मशहूर क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन की कीमत में आज 17 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आ गई। इसी तरह एथेरियम की कीमत 14.6 प्रतिशत, रिप्पल की कीमत 13.6 प्रतिशत, टेथेर की कीमत 10.29 प्रतिशत और कार्डानो की कीमत 18.47 प्रतिशत तक गिर गई। भारत में पिछले कुछ वर्षों के दौरान क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने का प्रचलन काफी तेजी से बढ़ा है।
एक मोटे अनुमान के मुताबिक देशभर में अभी क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या डेढ़ से दो करोड़ के बीच है। ऐसे में अगर केंद्र सरकार का क्रिप्टो करेंसी बिल कानून की शक्ल ले लेता है, तो इससे इन करोड़ों निवेशकों के पैसे फंसने का खतरा बन जाएगा। हालांकि जानकारों का कहना है कि सरकार इस बिल में निवेशकों के लिए इस बात प्रावधान कर सकती है, ताकि निश्चित समयावधि में निवेशक क्रिप्टो मार्केट से अपना पैसा निकाल सकें।
आपको बता दें मौजूदा समय में दुनिया भर में करीब 6,000 क्रिप्टो करेंसी मौजूद हैं। इनमें से पूरी दुनिया में 15 से भी कम क्रिप्टो करेंसी आम प्रचलन में हैं। क्रिप्टो करेंसी का ना तो कोई स्थाई मूल्य है और ना ही पूरी दुनिया में कोई भी बैंक इन्हें इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट के तौर पर स्वीकार करता है। बड़ी बात ये भी है कि क्रिप्टो करेंसी में किया गया निवेश कभी भी और किसी भी बात की कोई गारंटी नहीं देता है। ऐसे में जिस दिन क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूटेगा, उस दिन करोड़ों लोगों सड़क का पूरा निवेश खतरे में पड़ जाएगा।
जानकारों का कहना है कि शीतकालीन सत्र में क्रिप्टो करेंसी पर पाबंदी लगाने वाला विधेयक पेश करने से एक ओर जहां निजी क्रिप्टो करेंसी के प्रचलन को रोका जा सकेगा, वहीं देश में एक ऐसी डिजिटल करेंसी को लाने का रास्ता भी साफ हो सकेगा, जिसकी गारंटी खुद भारतीय रिजर्व बैंक देगा। फिलहाल देश में क्रिप्टो करेंसी के रेगुलेशन को लेकर कोई व्यवस्था नहीं है। दावा किया जाता है कि रेगुलेशन नहीं होने की वजह से टेरर फंडिंग और ब्लैक मनी ट्रांजैक्शन में क्रिप्टो करेंसी का जमकर उपयोग किया जा रहा है।
यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई एक बैठक में क्रिप्टो करेंसी को रेगुलेट करने की व्यवस्था शुरू करने की बात तय की गई थी। इस बैठक के बाद क्रिप्टो करेंसी के मसले को लेकर हुई संसद की स्थाई समिति की बैठक में भी इस पर विचार किया गया था। जिसमें क्रिप्टो करेंसी को रेगुलेट करने की बात पर सहमति बनी थी।