आज से शनि देव उल्टी चाल छोड़ चलेंगे सीधी चाल…

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भोपाल, 11 अक्टूबर (हि.स.)। इस बात से सब वाकिफ होंगे ग्रहों की चाल से ही इंसान का अच्छा या बुरा होता है, क्योंकि न्याय के देवता शनि देव आज यानि 11 अक्टूबर से 29 अप्रैल 2022 तक मकर राशि में ही मार्गी होंगे याने की उल्टी चाल छोड़कर अब सीधी चाल से चलेंगे। शनि की सीधी चाल से चलने से शुभ माना जाता है।

बता दें कि 23 मई 2021 पिछले 141 दिनों से वक्री अवस्था में चल रहे थे अर्थात उल्टी चाल से चल रहे थे, लेकिन अब शनिदेवता कुंभ राशि में गोचर कर जाएंगे। शनि देव को कर्मफल दाता माना गया है यानि शनि देव व्यक्ति के कर्मों के अनुसार शुभ- अशुभ फल प्रदान करते हैं।

आचार्य भरत दुबे के मुताबिक शनि की अनुकूलता रंक से राजा व प्रतिकूलता राजा से रंक बनाती है। ये दण्डाधिकारी है, न्याय के देवता है। तीस माह तक एक राशि में गोचर करते हैं।

बारह राशियों का चक्कर तीस वर्षों में पूर्ण करते हैं।शनि देव की चाल के बदलने व राशि परिवर्तन को महत्वपूर्ण माना जाता है, ये कर्म के अनुसार दण्ड देते हैं। ये तुला राशि मे उच्च के तो मेष में नीच के होते हैं।

बारह राशियों पर शनि के मार्गी होने पर अलग अलग प्रभाव-

पंचांग के अनुसार शनि देव आज प्रातः 7.48 बजे अपनी स्वयं की राशि मकर में मार्गी होंगे और शनि की साढ़ेसाती व ढय्या से प्रभावित राशियों को राहत प्रदान करेंगे। बारह राशियों पर शनि के मार्गी होने पर अलग अलग प्रभाव देखने को मिलेंगे।

धनु राशि के जातकों की बात करें तो साढ़ेसाती के प्रभाव से राहत प्राप्त होगी। मीन राशि के जातक साढ़ेसाती से प्रभावित होंगे। मिथुन व तुला राशि के जातकों को ढय्या के प्रभाव से राहत प्राप्त होगी । कर्क और वृश्चिक राशि के जातक ढय्या शनि के प्रभाव में होंगे।

वृषभ व सिंह राशि के जातकों की परेशानियां बढ़ेंगी, उनके जीवन मे उथल पुथल मचेगी। धनु राशि के जातकों के लिए राहत भरी खबर है कि उनके अच्छे दिन प्रारम्भ हो जाएंगे।

मीन राशि के जातकों की परेशानियां बढ़ सकती है। मकर व कुम्भ ये दोनों स्वयं शनि की राशियां हैं जो साढ़ेसाती के प्रभाव में है, किन्तु न्याय के देवता के मार्गी होने से इन्हें राहत मिलेगी।

मेष व कन्या राशि के जातकों को मिले जुले प्रभाव प्राप्त होंगे। इस प्रकार विभिन्न न्याय के देवता शनि 18 जनवरी 2022 को अस्त होकर 20 फरवरी 2022 को पुनः उदित .पंचांगों के अनुसार शनि जनवरी 2023 में कुम्भ राशि मे प्रवेश करेंगे।

आचार्य भरत दुबे का कहना है कि शनि की कृपादृष्टि व अनुकूलता के लिए गरीबों की सहायता करें। अन्याय व भ्रषाचार से बचे। हनुमद आराधना करें। पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।शनि मन्त्र का जप करें। शनिवार व मंगलवार को शनि मन्दिर व हनुमानजी के मंदिर में दीपदान करे। काली वस्तुओं का जरूरतमंदों को दान करें।


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