पटना, 11 नवम्बर (हि.स.) । बिहार में कांटे के मुकाबले में आखिरकार एनडीए को बहुमत हासिल हो गया। लेकिन अंतिम दौर तक जो लड़ाई देखने को मिली, उसमें कई सीटों पर उम्मीदवारों को अत्यंत कम मतों से हार का सामना करना पड़ा। कई ऐसी सीटें भी रहीं, जहां विजयी उम्मीदवारों ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को भारी मतों के अंतर से हराया है। बिहार विधानसभा चुनाव में पांच सबसे कम अंतर से जीत और पांच सबसे अधिक मतों से हार दर्ज करने वाले प्रताशी इस प्रकार हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक मतों के अंतर से जीत बलरामपुर विधानसभा सीट से भाकपा-माले के उम्मीदवार महबूब आलम को हासिल हुई। उन्होंने वीआईपी के उम्मीदवार अरुण कुमार झा को 53,597 वोटों से हराया। सबसे अधिक मतों के अंतर से दूसरी जीत अमौर विधानसभा सीट पर एआईएमआईएम के उम्मीदवार अख्तरुल ईमान को हासिल हुई। उन्होंने जदयू प्रत्याशी सबा जफर को 52,296 वोटों से शिकस्त दी। ब्रह्मपुर विधानसभा सीट पर राजद के शंभू नाथ यादव ने लोजपा के उम्मीदवार हुलास पांडे को 51,141 वोटों से हराया जबकि संदेश विधानसभा सीट पर राजद की किरण देवी ने जदयू के विजेंद्र यादव को 50,607 वोट से हराया है। बता दें कि विजेंद्र यादव रिश्ते में किरण देवी भैंसुर लगते हैं। भोजपुर की अगिआंव विधानसभा सीट से भाकपा-माले के मनोज मंजिल ने जदयू के प्रभुनाथ प्रसाद को 48,550 वोटों के भारी अंतर से हराया। विधानसभा चुनाव में पांच सबसे कम मतों के अंतर से हार की चर्चा करें तो राजद उम्मीदवार अतरी मुनि उर्फ़ शक्ति सिंह यादव हिलसा विधानसभा सीट पर महज 12 वोट से हार गए। बरबीघा विधानसभा सीट से जदयू के सुदर्शन कुमार ने कांग्रेस के गजानन शाही को 113 वोटों से हराया। रामगढ़ में राजद के सुधाकर सिंह ने बसपा के अंबिका सिंह को 189 वोटों से शिकस्त दी जबकि मटिहानी सीट पर लोजपा के राजकुमार सिंह ने जदयू के बोगो सिंह को 333 वोटों से हराया। सबसे कम अंतर से हार वाली पांचवीं भोरे विधानसभा सीट रही यहां जदयू के सुनील कुमार ने माले के उम्मीदवार जितेंद्र पासवान को 462 वोट से मात दी है। बता दें कि सुनील कुमार भारतीय पुलिस सेवा के सेवानिवृत अधिकारी और बिहार होमगार्ड के पूर्व महानिदेशक रहे हैं और सेवानिवृति के बाद उन्होंने जदयू का दमन थाम लिया था।