शैलेश कुमार राय ने राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय क्षितिज पर बनाई पहचान

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शैलेश 2012 में पढ़ाई के दौरान राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े,राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़ने के पश्चात उन्होंने  कभी भी पीछे मुड़कर नहीं  देखा। बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ अभियान,स्वच्छता अभियान,वृक्षारोपण अभियान,जल बचाओ अभियान,महादलित बच्चों  को शिक्षा देना,मतदाता जागरूकता अभियान,गर्म कपड़े वितरण अभियान,रक्तदान शिविर का आयोजन वे  नियमित रूप से करते हैं । 



आरा,24 जून(हि. स.)। सामाजिक दायित्व का निर्वहन करने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं  होती। इस बात को सही साबित किया है भोजपुर के एक छोटे से सामाजिक कार्यकर्ता शैलेश कुमार राय ने।शैलेश की उम्र महज 23 वर्ष है,लेकिन इसी 23 वर्ष में उन्होंने एक से बढ़कर एक सामाजिक कार्य कर आरा और बिहार का नाम राष्ट्रीय -अंतराष्ट्रीय पटल पर रखा है।  शैलेश कुमार राय सामाजिक कार्य के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम है। पिछले 8 वर्षों से नियमित रूप से समाज के  काम में  लगे शैलेश आज युवाओं  के आदर्श के रूप में देखे जाते हैं ।

 नियमित रूप से करते है सामाजिक कार्य-
 शैलेश 2012 में पढ़ाई के दौरान राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े,राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़ने के पश्चात उन्होंने  कभी भी पीछे मुड़कर नहीं  देखा। बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ अभियान,स्वच्छता अभियान,वृक्षारोपण अभियान,जल बचाओ अभियान,महादलित बच्चों  को शिक्षा देना,मतदाता जागरूकता अभियान,गर्म कपड़े वितरण अभियान,रक्तदान शिविर का आयोजन वे  नियमित रूप से करते हैं ।
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से हो चुके हैं  पुरस्कृत-
शैलेश कुमार राय अपने बेहतर सामाजिक कार्यों  के लिए अब तक कई पुरस्कार राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर प्राप्त कर चुके हैं । शैलेश को 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी,तत्कालीन राज्यपाल श्री रामनाथ कोविंद एवं वर्ष 2018 में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के हाथों सम्मान प्राप्त हो चुका है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा  आयोजित 9 वें  अंतर्राष्ट्रीय   युवा सम्मेलन में बहरीन में वे भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं  ।
वे अप्रैल 2019 में भारतीय छात्र संसद में  बिहार राज्य के समन्वयक के रूप में चुने गए। अब शैलेश कुमार राय युवाओं  को स्वच्छ राजनीति  के लिए प्रेरित कर रहे हैं ।

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