महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा – शिवसेना गठबंधन को जीत हासिल हुई है। राज्य कि कुल 288 सीटों में से सरकार बनाने के लिए 145 सीटों कि जरूरत है। भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीटें प्राप्त हुई है। लेकिन मुख्यमंत्री कि कुर्सी को लेकर दोनो पार्टीयो में सियासी खिंचतान बहुत बढ गई है। नतीजतन राज्य में सरकार बनाने में दिक्कत आ रही है।
उल्लेखनीय है कि शिवसेना ने शनिवार को अपने नव निर्वाचित विधायको कि बैठक बुलाई थी। इस बैठक में मुख्यमंत्री कि कुर्सी को ले कर 50-50 के फार्मूले अपनाने कि बात कही गई। बैठक के बाद शिवसेना विधायक अब्दुल सत्तार ने बहुत सारे विकल्प खुले होने कि बात कही थी। जिसके चलते राज्य में सियासी गतिरोध उत्पन्न हो गया है। भाजपा भी शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देना नही चाहती। इस गतिरोध को रोकने के लिए भाजपा के भितर चिंतन चल रहा है। आगामी 30 अक्टूबर को भाजपा ने मुंबई में अपने विधायको कि बैठक बुलाई है। इस बैठक में भाजपा के विधायक अपना नेता चुनने वाले है जिसमें मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस का फिर एक बार मुख्यमंत्री पद के लिए चयन होने कि संभावना है।
नागपुर में रविवार को धंतोली स्थित भाजपा कार्यालय में आयोजित दीपावली मिलन कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे व्यास ने बताया कि, शिवसेना और भाजपा पुराने साथी है। दोनो पार्टियों के बीच में थोडी खिंचतान है लेकिन मनमुटाव कि कोई गुंजाईश नही है। 30 अक्टूबर को मुंबई में होने वाली भाजपा विधायको कि बैठक में अमित शाह शिरकत करने वाले है। इस मिटींग के बाद शाह मातोश्री जाकर उद्धव ठाकरे से मुलाकात करेंगे।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार शाह और उद्धव कि इस मुलाकात के बाद राज्य में उत्पन्न हुवा सियासी गतिरोध थम जाएगा। बहरहाल भाजपा-शिवसेना में तय होने वाले फॉर्मुले के बारे में टिप्पणी करने से व्यास ने मना कर दिया।