भीलवाड़ा में खदान ढही: सात शव एक साथ पहुंचे केमरी गांव तो मातम का माहौल

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भीलवाड़ा, 12 अगस्त (हि.स.)। भीलवाड़ा जिले के लाछुड़ा गांव में बुधवार को अवैध खदान के ढह जाने से सात श्रमिकों के दबकर मौत होने जाने के बाद दस घंटे रेस्क्यू कर सभी सातों शवों को बाहर निकालने में सफलता मिली। दो मृतक एक ही परिवार के थे। सातों शवों को गुरुवार सुबह करेड़ा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पोस्टमार्टम करा परिजनों को सुपुर्द किये गये। सातों की अपने अपने घर से अंतिम यात्रा निकाल कर एक साथ एक ही शमशान घाट पहुंचाया गया। यहां पर अलग अलग चिताओं पर अंत्येष्ठि की गई। सात जनों की एक साथ मौत होने के हृदय विदारक माहौल के बाद आज दूसरे दिन भी केमरी गांव में मातम छाया रहा। गांव की परंपरा के अनुसार अंत्येष्ठि होने तक गांव में किसी भी घर में चूल्हा नहीं जला। तनाव पूर्ण माहौल को देखते हुए पुलिस व प्रशासन की ओर से केमरी गांव में भी अतिरिक्त जाब्ता तैनात किया गया।

उल्लेखनीय है कि जिले के आसींद थाना क्षेत्र के लाछुड़ा गांव में बुधवार को अवैध खान के ढहने से सात श्रमिक दब गए थे। खदान के मलबे में दबने वालों की पहचान करेड़ा के रहने वाले गणेश पुत्र नारू भील (21), केमरी के रहने वाले कन्हैया पुत्र रामा भील (23), केमरी के प्रहलाद पुत्र कैलाश भाट (18), करेड़ा के हिंगला पुत्री कैलाश भाट (20), केमरी की रहने वाली धर्मा पुत्र तेज भाट (25), केमरी की मीना पुत्री हजारी भील (21) व करेड़ा निवासी मीना भील (18) के रूप में हुई। बुधवार को देर रात 10 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सभी सात शव मिलने पर पुलिस व प्रशासन ने राहत की सांस ली। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भीलवाड़ा जिला चिकित्सालय ले जाया जाना था पर ग्रामीणों के दबाव के कारण उनको करेड़ा के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रखा गया। गुरुवार को उपखंड अधिकारी व पुलिस उपाधीक्षक सहित पुलिस जाब्ते के बीच शवों का पोस्टमार्टम कराया गया। बाद में प्रशासन ने सभी शवों को केमरी गांव पहुंचाया जहां पर अंतिम यात्रा निकाल कर अंत्येष्ठि की गई।

केमरी गांव में शव पहुंचने के समय बड़ा हृदय विदारक दृश्य उत्पन्न हो गया। युवाओं ने सूझबूझ से परिवार जनों व ग्रामीणों को हिम्मत बंधा कर माहौल को सही किया। मृतक मीना भील अपने परिवार में सबसे छोटी थी। इसी प्रकार अन्य मीना पुत्री बाबू भील भी पिता की इकलौती थी। गणेश भील परिवार में सबसे छोटा था। कन्हैयालाल के घर माहौल ज्यादा खराब हो रहा है। उसके आठ भाई बहन का रो रो कर बुरा हाल हो रहा है।

अंत्येष्ठि के दौरान मानों पूरा गांव उमड़ पड़ा। कोरोना गाइड लाइन के चलते प्रशासन व पुलिस की ओर से समझाइश कर लोगों को दूर दूर रोक दिया था ताकि एक ही स्थान पर भीड़ न हो। इस दौरान ग्राम पंचायत की ओर से भी समुचित प्रबंध किये गये।

समूचे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मौके पर मौजूद रहे मांडल के विधायक रामलाल जाट ने हादसे पर गहरा दुख प्रकट करते हुए कहा कि सभी मृतक उनके विधानसभा क्षेत्र मांडल के केमरी गांव के है। रेस्क्यू के बाद शवों को उनके गांव पहुंचाने के साथ ही अंत्येष्ठि के सभी बंदोबस्त किये है। बुधवार को इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से वार्ता कर जानकारी दी थी। उनके द्वारा सांत्वना देने के साथ ही समुचित प्रबंध के निर्देश दिये गये थे। उन्होंने बताया कि जिला कलेक्टर की ओर से एक एक लाख रुपये की तात्कालिक सहायता स्वीकृत कर दी है। खान संचालक के खिलाफ पुलिस में मामला पंजीबद्ध हो चुका है। जिस भूमि पर खान का संचालन हो रहा था उसे भी जिला प्रशासन ने सिवायचक बिलानाम कर दी है। क्षेत्र में अवैध खनन को रोकने के लिए प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा।


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