नई दिल्ली, 20 नवम्बर (हि.स.)। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस जज ने 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान लोकसेवक को काम करने से रोकने और दुर्व्यवहार करने के मामले में कोंडली से आम आदमी पार्टी के विधायक मनोज कुमार की सजा तीन महीने की कैद से कम कर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। स्पेशल जज अजय कुमार कुहार ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की ओर से मिले तीन महीने की कैद की सजा को रद्द करते हुए मनोज कुमार को दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
सेशंस कोर्ट ने मनोज कुमार को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की ओर से दोषी करार देने के फैसले को सही करार दिया है। सेशंस कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मनोज कुमार चुनाव लड़ रहे थे इसलिए उनसे उम्मीद की जाती थी कि वे चुनाव प्रक्रिया को बाधित नहीं करें। कोर्ट ने कहा कि मनोज कुमार के पास दूसरे कानूनी विकल्प मौजूद थे। सेशंस कोर्ट ने मनोज कुमार को लोकसेवक को काम में बाधा डालने के आरोपों से बरी कर दिया। सेशंस कोर्ट ने पाया कि जेल में जाने से किसी के जीवन पर असर पड़ता है। सेशंस कोर्ट ने कहा कि मनोज कुमार को पहले कभी दोषी भी नहीं पाया गया है, इसलिए उन्हें दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। पिछले 25 जून को एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने मनोज कुमार को तीन महीने की कैद की सजा सुनाई थी।
घटना चार दिसम्बर,2013 की है जब कोंडली विधानसभा से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मनोज कुमार अपने 50-60 समर्थकों के साथ एमसीडी प्राईमरी स्कूल, 19 ब्लॉक, कल्याणपुरी के पोलिंग बूथ के बाहर नारेबाजी करने लगे। मनोज कुमार पर आरोप था कि उन्होंने बूथ का मेन गेट बंद कर दिया और मतदान कार्य में बाधा डालने लगे। इस बात की शिकायत सेक्टर अफसर सुप्रियो समादार ने कल्याणपुरी थाने में दर्ज कराई। उस चुनाव में मनोज कुमार ने जीत हासिल की थी। इस मामले में मनोज कुमार को अधिकतम तीन महीने की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकती है।
मामले की सुनवाई के दौरान मनोज कुमार ने कोर्ट से कहा कि वे निर्दोष हैं। उन्होंने कहा कि कुछ घटनाएं जरूर हुई थीं लेकिन बाकी के बारे में वे नहीं जानते हैं। ये मामला राजनीति से प्रेरित है। जब से भाजपा केंद्र में आई है उसने आम आदमी पार्टी के लोगों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और उन्हें फंसाया जा रहा है।