प्रधानमंत्री के सोच के अनुरूप एक से 30 सितंबर तक मनाया जाएगा राष्ट्रीय पोषण माह
बेगूसराय, 31 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी योजना कुपोषण मुक्त भारत निर्माण के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय समेत तमाम सहयोगी संस्थाएं लगातार विविध अभियान चला रही है। इसी कड़ी में एक बार फिर सितंबर माह को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जाएगा। इस दौरान विभिन्न तरह की गतिविधि आयोजित कर लोगों को जागरूक किया जाएगा, बताया और समझाया जाएगा। राष्ट्रीय पोषण माह के अवसर पर एक से 30 सितंबर तक आयोजित होने वाली सभी गतिविधियों के लिए समाज कल्याण विभाग ने गाइड लाइन जारी कर दिया गया है तथा जारी किए गए गाइडलाइन का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं। अभियान की सफलता के लिए तैयारी तेज कर दी गई है। पोषण माह के दौरान गतिविधियों के संचालन में आइसीडीएस, स्वास्थ्य, शिक्षा, पंचायती राज, जीविका, महादलित विकास, कला संस्कृति एवं युवा, आपदा प्रबंधन, स्थानीय स्तर पर नीति आयोग के लिए कार्यरत पिरामल स्वास्थ्य आदि विभाग समन्वित रूप से हिस्सा लेंगे। संपूर्ण पोषण माह के दौरान लोगों के बीच पोषण के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए जिला, परियोजना या फिर आंगनबाड़ी स्तर पर विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के लिए रूपरेखा तैयार कर ली गयी है।
पोषण माह के आरंभ में आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं एएनएम के संयुक्त प्रयास से छह साल तक आयु वर्ग के बच्चों की लंबाई, वजन के साथ ही उनके पोषण स्तर की जानकारी प्राप्त की जाएगी। जिले में निर्धारित स्थानों पर मां, बच्चों साथ संपूर्ण परिवार की पोषण संबंधी दुविधाओं के निराकरण के लिए डेस्क की स्थापना की जानी है। इन परामर्श डेस्क पर लोगों को छह साल तक के बच्चों की देखभाल एवं शिक्षा संबंधी गतिविधियों की जानकारी मिलेगी। पोषण माह के बीच लोगों में पोषण संबंधी जागरूकता पैदा करने के लिए रैलियों का भी आयोजन किया जाएगा। जिले के सभी 18 प्रखंड क्षेत्रों में जीविका और स्वयं सहायता समूहों में स्थानीय भोजन एवं पोषण पर चर्चा होगी। बाढ़ विस्थापितों के शिविर में भी पोषण संबंधी सामग्रियों का प्रदर्शन किया जाएगा।
पोषण माह के दौरान पोषण संबंधी संदेशों का प्रचार- प्रसार, आंगनबाड़ी केंद्रों, विद्यालयों, ग्राम पंचायत एवं अन्य उपलब्ध स्थानों पर पौधरोपण तथा पोषण वाटिका निर्माण के लिए प्रेरित किया जाएगा। पोषण जागरुकता प्रसार के लिए स्लोगन लेखन प्रतियोगिता, उत्कृष्ट वाटिका प्रतियोगिता जैसे आयोजन किए जाएंगे।
नीति आयोग की ओर से चयनित पिरामल हेल्थ के दीपक मिश्रा ने बताया कि इसके साथ ही संबंधित विभाग के अधिकारी इन कार्यक्रमों का अनुश्रवण एवं मूल्यांकन भी करेंगे जिससे की विभाग का उद्देश्य पूरा हो तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोच के अनुरूप कुपोषण मुक्त स्वस्थ भारत का निर्माण हो सके।