टांडा में बीजेपी नेता के अपहरण से सनसनी, घायल अवस्था में मिले तेजस्वी जायसवाल
अंबेडकरनगर, 19 अगस्त (हि.स.)। बुधवार की देर रात टांडा कस्बे में घर जा रहे भाजपा नेता तथा टांडा ब्लॉक प्रमुख पद के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ चुके तेजस्वी जायसवाल का असलहे की नोक पर अपहरण कर लिया गया।
जानकारी के अनुसार बुधवार रात लगभग 10:15 बजे तेजस्वी जायसवाल अपने मित्र सूरज यादव के साथ मोटरसाइकिल से चिंतौरा चौराहे पर स्थित अपने घर जा रहे थे। उन्होंने जैसे ही थिरुआ पुल को पार किया और मेला पेट्रोल पंप के सामने पहुंचे,उसी दौरान पीछे से आई एक फॉर्चूनर गाड़ी ने उनकी मोटरसाइकिल में टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही मोटरसाइकिल पर पीछे बैठे तेजस्वी जायसवाल नीचे गिर पड़े। इसके बाद पीछे से आई एक स्विफ्ट कार से निकले हथियारबंद लोगों ने तेजस्वी जायसवाल को गाड़ी में लाद दिया और फरार हो गए। सूरज यादव जब तक अपनी गाड़ी को संभाल पाता, तब तक अपहरणकर्ता तेजस्वी को लेकर फरार हो चुके थे।
इसके बाद सूरज ने ही घटना की जानकारी श्याम बाबू समेत अन्य लोगों को दी। नगर के व्यस्ततम क्षेत्र में हुई घटना से नगर में सनसनी फैल गई। फिलहाल तेजस्वी जायसवाल को मेडिकल कॉलेज के पास पाए जाने के बाद लोगों को राहत मिल सकी। तेजस्वी के शरीर पर कई जगह गम्भीर चोट के निशान पाए गए हैं।
तेजस्वी की ही सूचना पर पहुंचे श्याम बाबू गुप्ता व अन्य लोगों ने उन्हें लाकर सीएचसी टांडा में भर्ती कराया। पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने भी रात में ही अस्पताल पहुंचकर घटना की जानकारी ली और घटना को अंजाम देने वालों को शीघ्र गिरफ्तार करने का निर्देश दिया। इस घटना के बाद टांडा में माहौल तनावपूर्ण बताया जा रहा है। समाचार प्रेषण तक घटना के सम्बंध में कोई तहरीर नहीं दी गयी थी।
घटना के पीछे अपहरणकर्ताओं का मकसद क्या था, घटना को अंजाम क्यों दिया गया, घटना को अंजाम देने में कौन-कौन लोग शामिल रहे, यह तो जांच के बाद ही सामने आ सकेगा, लेकिन टांडा नगर में स्थानीय विधायक संजू देवी के बेहद खास माने जाने वाले तेजस्वी जायसवाल का अपहरण करके अपहर्ताओं ने कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
उल्लेखनीय है ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान तेजस्वी ने पूर्व मंत्री व कटेहरी विधायक लालजी वर्मा के हाथ से सुजीत वर्मा का नामांकन पत्र छीनकर फाड़ दिया था। सुजीत, लालजी वर्मा के समर्थन से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे थे। कुछ लोग इस घटना को राजनीतिक नजरिये से भी जोड़ रहे हैं। उधर श्याम बाबू गुप्ता ने इसे एक बडी आपराधिक घटना बताते हुए इसके जल्द खुलासे की मांग की है।