लोगों को बसों में भेजना एक गलत कदम, बीमारी फैलने से रोकना मुश्किल हो जाएगा : नीतीश कुमार

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बिहार के मुख्यमंत्री ने चेताया, अगर कोई भी संक्रमित हुआ तो लॉकडाउन व्यवस्था फेल हो जाएगीयूपी सरकार को सुझाव.कैंप लगाकर लोगों के रहने और खाने की व्यवस्था की जाए



पटना, 28 मार्च (हि.स.)। कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से काम बंद हो जाने पर दिल्ली, नोएडा से निकले मजदूरों को उत्तर प्रदेश सरकार विशेष बस से बिहार भेजने की तैयारी कर रही है। इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ऐतराज जताया और इसे एक गलत कदम बताया है। शनिवार को उन्होंने कहा कि यह कदम लॉकडाउन को पूरी तरह असफल कर देगा। सीएम ने कहा कि इससे कोरोना वायरस महामारी और फैलेगी और उससे निबटना सबके लिए मुश्किल हो जाएगा। ऐसी स्थिति में जो  जहां हैं उनके लिए रहने-खाने की व्यवस्था वहीं की जा रही है। बसों से लोगों को उनके राज्य भेजने का फैसला लॉकडाउन को पूरी तरह असफल कर देगा। इसलिए स्थानीय स्तर पर ही कैम्प लगाकर लोगों के रहने और खाने का इंतजाम किया जाए।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली-एनसीआर (नेशनल कैपिटल रीजन) से हजारों की संख्या में लोग अपने घर जाने के लिए पैदल ही निकल पड़े हैं। इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने 200 बसों का इंतजाम किया है। ये बसें नोएडा-गाजियाबाद से हर दो घंटे में रवाना होंगी। इन बसों में ज्यादातर लोग पूर्वांचल और बिहार के हैं। बिहार सरकार का कहना है कि कई दिनों से परेशानी झेल रहे इन यात्रियों के लिए राहत वाली बात हो सकती है, लेकिन सच्चाई ये भी है कि इन यात्रियों में अगर कोई भी संक्रमित हुआ तो बड़ी दिक्कत खड़ी हो जाएहगी। हालांकि कई दिल्ली सरकार ने इन लोगों के लिए इंतजाम का आश्वासन दिया है, लेकिन इन लोगों का कहना है कि जो भी बीमारी है वह गांव-घर में मिलकर झेली जाएगी।

बिहार में 1760 हुई कोरोना संदिग्धों की संख्या, 9 मरीज मिले पॉजिटिव

बिहार में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 9 हो गई है। संदिग्धों की सूची में एक दिन पहले शुक्रवार को 304 नए लोग शामिल किये गये। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना संदिग्धों की संख्या 1760 हो गई है। बता दें कि 26 मार्च तक 1456 लोग सर्विलांस में लिए गए थे।

 


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