खालिस्तान के लिए रेफरेंडम-2020 पर सुरक्षा एजेंसियों की पैनी नजर

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चंडीगढ़, 15 जून (हि.स.)। पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है लेकिन खालिस्तान की वकालत करने वाले सिख फॉर जस्टिस के गुरपतवंत सिंह पन्नू ने पाकिस्तान में इमरान मलिक नाम के नए मोहरे को आगे किया है। हर सप्ताह चंडीगढ़ और पंजाब के पत्रकारों को मोबाइल से ऑडियो सन्देश देने वाले इस खालिस्तानी संगठन की तरफ से इमरान मलिक फ्रॉम कराची ने खालिस्तान की वकालत करते हुए कहा है कि अगर खालिस्तान बन जाए तो ये भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के मध्य मधुर सबंधों की भूमिका अदा कर सकता है।
खालिस्तान के लिए रेफरेंडम-2020 के नाम से पंजीकरण अभियान इसी जुलाई माह से शुरू करने का ऐलान सिख फॉर जस्टिस के गुरपतवंत सिंह पन्नू ने किया है। पन्नू के खिलाफ पंजाब में भी देशद्रोह के कई मुक़दमे दर्ज़ हैं। पन्नू जब भी पाकिस्तान जाता है तो उसे डर बना रहता है कि वो कहीं किसी भारतीय के हत्थे न चढ़ जाए। भारत की आपत्ति के बाद पाकिस्तान ने भी वहां के गुरुद्वारों में खालिस्तानी समर्थकों की सरगर्मियों को बंद कमरे तक ही सीमित किया हुआ है। भारत की सुरक्षा एजेंसियां पन्नू को गुब्बारे से अधिक नहीं मानती, परन्तु गत सप्ताह आपरेशन ब्लू स्टार की बरसी के अवसर पर अमृतसर में खालिस्तान को लेकर हुई बयानबाजी, खालिस्तानी झंडे लहराने को घटना के बाद खुफ़िया एजेंसियां अब तमाम घटनाक्रम और जुलाई माह में शुरू होने वाले रेफरेंडम 2020 के अभियान पर निगाह रख रही है।

 


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