एससीओ की बैठक में जाते हुए प्रधानमंत्री पाकिस्तान की हवाई सीमा का नहीं करेंगे इस्तेमाल
धानमंत्री को एससीओ की दो दिवसीय शिखर वार्ता बैठक में भाग लेने के लिए गुरुवार को विश्केक जाना है। विदेश मंत्रालय के वक्तव्य के अनुसार भारत सरकार ने प्रधानमंत्री के विशेष विमान के लिए दो विकल्प तय किए थे। अब यह फैसला किया गया है कि विशेष विमान बिश्केक जाने के लिए ओमान, ईरान और मध्य एशिया के देशों की वायु सीमा से होकर जाएगा।
नई दिल्ली, 12 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन(एसपीओ) की बिश्केक(किर्गीस्तान) में आयोजित बैठक में भाग लेने के लिए पाकिस्तान की वायुसीमा का उपयोग नहीं करेंगे। प्रधानमंत्री का विशेष विमान ओमान, ईरान और मध्य एशिया के देशों से होते हुए बिश्केक पहुंचेगा।
प्रधानमंत्री को एससीओ की दो दिवसीय शिखर वार्ता बैठक में भाग लेने के लिए गुरुवार को विश्केक जाना है। विदेश मंत्रालय के वक्तव्य के अनुसार भारत सरकार ने प्रधानमंत्री के विशेष विमान के लिए दो विकल्प तय किए थे। अब यह फैसला किया गया है कि विशेष विमान बिश्केक जाने के लिए ओमान, ईरान और मध्य एशिया के देशों की वायु सीमा से होकर जाएगा।
पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि प्रधानमंत्री का विमान पाकिस्तान की वायुसीमा से होते हुए गतंव्य तक जाएगा। यह रास्ता सबसे छोटा था। विदेश मंत्रालय के नए फैसले को पाकिस्तान के लिए भारत की ओर से एक झटका माना जा रहा है।
इसके पहले विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा था कि प्रधानमंत्री के विमान के लिए पाकिस्तान से अनुरोध किया गया था। ऐसी रिपोर्ट भी थी कि पाकिस्तान सरकार ने इस सिद्धांत रूप में इसकी मंजूरी भी दे दी थी।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान ने बालाकोट में भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के बाद अपनी वायुसीमा को गत 26 फरवरी को बंद कर दिया था। बाद में उसने कुछ वायु मार्ग धीरे-धीरे खोले थे। प्रधानमंत्री के यात्रा मार्ग के बारे में नागरिक उड्डयन विभाग को आवश्यक निर्देश दे दिए गए हैं।
एससीओ की बिश्केक शिखरवार्ता में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी भाग लेंगे। बैठक से इतर मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतीन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। मोदी और इमरान खान के बीच वार्ता का कोई कार्यक्रम नहीं है।
बैठक में पीएम मोदी चीन और रूस के नेताओं के साथ होने वाली वार्ता में अमेरिकी प्रशासन की ओर से लगाए गए व्यापार प्रतिबंधों पर विशेष रूप से चर्चा हो सकती है। मोदी शिखरवार्ता में आतंकवाद के विश्वव्यापी खतरे के बारे में सदस्य देशों से सामुहिक रूप से कार्रवाई करने का आग्रह कर सकते हैं।