दिल्ली में 10वीं-12वीं के लिए खुले स्कूल, खुश हुए शिक्षक और छात्र
नई दिल्ली, 18 जनवरी (हि.स.)। दिल्ली में सोमवार से 10वीं और 12वीं कक्षाओं के लिए खोले गए विद्यालयों में पहले दिन स्वयं कई स्कूलों में जाकर विद्यार्थियों से मुलाकात कर उनकी हौसला बढ़ाया। विद्यार्थियों को स्कूलों में गेट पर ही हाथ धोने और आपस में लंच शेयर नहीं करने सहित तमाम हिदायतें दी गईं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि लम्बे वक्त के बाद दिल्ली के स्कूलों में बच्चों को फिर से पढ़ते देखना मेरे लिए बेहद भावनात्मक क्षण हैं।
कोविड-19 और लॉकडाउन के कारण दिल्ली सरकार ने पिछले साल 16 मार्च को राजधानी में सभी विद्यालयों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया था। ऐसे में गत 10 महीनों से स्कूल बंद हैं लेकिन वर्चुअल माध्यम से कक्षाएं चल रही हैं। दिल्ली में सोमवार से 10वीं और 12वीं कक्षाओं के लिए विद्यालय खोल दिए गए हैं। इस दौरान छात्रों को सोशल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई जैसे कोरोना से बचने के उपायों का पालन करना अनिवार्य रहेगा। दिल्ली में कोरोना के कम होते मामलों और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की परीक्षाओं के मद्देनजर स्कूल खोलने का यह फैसला लिया गया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि लम्बे वक्त के बाद दिल्ली के स्कूलों में बच्चों को फिर से पढ़ते देखना मेरे लिए बेहद भावनात्मक क्षण हैं। बहुत मुश्किल वक्त को पीछे छोड़ आज फिर से स्कूल खुले हैं। उम्मीद है कि जल्द ही सबकुछ सामान्य होगा और सभी बच्चे स्कूल आकर अपने टीचर्स एवं दोस्तों से मिलेंगे।
दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को स्वयं कई स्कूलों में जाकर विद्यार्थियों से मुलाकात कर उनकी हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि इतने लंबे समय के बाद स्कूलों में बच्चों से मिलकर वास्तव में अच्छा लगा। छात्र सुरक्षा मानदंडों का पालन करते हुए स्कूल पहुंचे हैं, लेकिन वह अपने दोस्तों से मिलकर बहुत खुश हैं। छात्रों से मिलकर शिक्षक भी बहुत खुश हैं।
उन्होंने कहा कि सीबीएसई ने बोर्ड परीक्षाओं की तारीखें घोषित कर दी हैं। बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षाएं जल्द ही शुरू होने वाली हैं। ऐसे में छात्रों के लिए स्कूल खोलना जरूरी हो गया था। छात्रों का अचानक सीधे परीक्षा में बैठना उनके लिए उचित नहीं होता। हालांकि छात्रों के लिए स्कूल आना अनिवार्य नहीं है लेकिन वे अभिभावकों की अनुमति से स्वेच्छा से आ सकते हैं। आज अपने अभिभावकों का सहमति पत्र लेकर स्कूल पहुंचे विद्यार्थियों को स्कूलों में गेट पर ही हाथ धोने और आपस में लंच शेयर नहीं करने सहित तमाम हिदायतें दी गईं। एक कक्षा में अधिकतम 12 छात्रों को बैठाने जैसे कदम भी उठाये गये हैं।