नागपुर, 25 अगस्त (हि.स.)। कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए मध्यप्रदेश के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया मंगलवार को नागपुर पहुंचे। उन्होंने राष्ट्रीय़ स्वयंसेवक संघ मुख्यालय जाकर सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत तथा सरकार्यवाह सुरेश उपाख्य भैय्याजी जोशी से मुलाकात की। भाजपा की सदस्यता स्वीकार करने के बाद यह उनकी पहली नागपुर यात्रा है।
राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंदिया मंगलवार को अचानक नागपुर पहुंचे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय गये। उन्होंने सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी से मुलाकात की। ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी स्व. राजमाता विजया राजे सिंधिया, बुआ वसुंधरा राजे और यशोधरा राजे भाजपा के बड़े नेताओं में शामिल हैं। नतीजतन कांग्रेस में रहते हुए भी सिंधिया संघ परिवार के काफी नजदीक माने जाते रहे हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद कोरोना महामारी के चलते अब तक वह संघ मुख्यालय नहीं जा पाए थे। बीते दिनों सिंधिया समेत उनके परिवार के कुछ सदस्य कोरोना पॉजिटीव पाए गये थे। कोरोना से छुटकारा पाने के बाद सिंधिया ने नागपुर जाने का फैसला लिया।
सिंधिया की यात्रा से सुगबुगाहट
राजनीतिक गलियारों में चल रही चर्चा के अनुसार मध्यप्रदेश में भाजपा की सत्ता में वापसी होने के बाद राज्य में 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। इनमें से 22 सीटें सिंधिया खेमे के विधायकों के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी जिसके चलते कमलनाथ सरकार गिरी थी। सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद उनके समर्थक विधायकों ने भी पार्टी ज्वाइन कर ली थी। शिवराज सिंह चौहान सरकार के कुल 34 मंत्रियों में 20 मंत्री 2018 में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। 14 मंत्री वही हैं जो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए हैं। जिन 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, उसमें से 16 सीटें ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की हैं। इस इलाके में ज्योतिरादित्य सिंधिया का वर्चस्व माना जाता है। सिंधिया के कारण इस्तीफा देने वाले कांग्रेस के विधायक फिर से सीटें हासिल करने की जुगत में है तो कांग्रेस सीटों को बचाने की कोशिश में जुटी है। कांग्रेस की ओर से विधायकों के विश्वासघात की दुहाई देकर जनता से उन्हें सबक सिखाने की अपील की जा रही है। इसी उठापटक और टिकटों के बंटवारे को लेकर 11 जुलाई को उमा भारती नागपुर पहुंची थी, इसी कड़ी में चर्चा के लिए सिंधिया की नागपुर यात्रा को देखा जा रहा है। संघ के जानकारों ने इस मुलाकात को औपचारिकता करार दिया है। सूत्रों ने बताया कि संघ हमेशा चुनावी राजनीति से दूर रहता है तथा सिंधिया की यात्रा के राजनीतिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए।
डॉ. हेडगेवार के पैतृक निवास पर मिलती है देशभक्ति की प्रेरणा: सिंधिया
संघ मुख्यालय से निकलने के बाद सिंधिया शुक्रवारी इलाके में स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के पैतृक निवास पर गए। डॉ. हेडगेवार के निवास का दौरा करने के बाद सिंधिया ने बताया कि डॉ. हेडगेवार राष्ट्रपुरुष थे, उनके निवास स्थान पर आने वाले हर राष्ट्रवादी नागरिक को देशभक्ति की प्रेरणा मिलती है। इसके बाद सिंधिया ने रेशमबाग में स्थित डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर का रूख किया। यहां उन्होंने डॉ. हेडगेवार और द्वितीय सरसंघचालक गोलवलकर गुरूजी की समाधि स्थल का दर्शन किया तथा श्रद्धांजलि अर्पित की।