क्रिकेट में घोटाला: अब तक 130 लोगों से टीम में जगह दिलाने के नाम पर हो चुका है लेन-देन

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दिल्ली-एनसीआर की बात करें तो यहां के भी करीब 50 से ज्यादा खिलाड़ियों को यह झांसा दिया गया था।



नई दिल्ली, 28 जुलाई (हि.स.)। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अंडर-19 मैच खिलवाने के नाम पर रकम ऐंठने वाले दोनों आरोपित असिसटेंट कोच ने शनिवार को कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। आरोपितों का यह नेटवर्क देशभर में करीब 130 युवा क्रिकेटरों से संपर्क कर चुका था। इसमें से कितने लोगों से और कितनी रकम ऐंठी गई, इस बात की जांच जारी है।

दिल्ली-एनसीआर की बात करें तो यहां के भी करीब 50 से ज्यादा खिलाड़ियों को यह झांसा दिया गया था। मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच की टीम आरोपितों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। मामले से जुड़े कुछ दस्तावेज भी मिले हैं। इसके अलावा नेटवर्क में जुड़े लोगों की तलाश में छापेमारी भी चल रही है।

आरोपितों का यह नेटवर्क नए क्रिकेटर्स को रणजी सहित अन्य दूसरे टूर्नामेंट में खिलवाने के नाम पर मोटी रकम वसूलता था। बीसीसीआई की तरफ से क्राइम ब्रांच को दी गई शिकायत के बाद मामला दर्ज कर क्राइम ब्रांच दो आरोपितों को गिरफ्तार कर जांच आगे बढ़ा रही है।
एक साल से चल रहा है खेल
आरोपितों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि यह गिरोह पिछले एक साल से फर्जीवाड़ा का यह खेल खेल रहा था। इसमें सिर्फ दिल्ली में पकड़े गए दोनों आरोपित ही नहीं, बल्कि नागालैंड, मणिपुर, अरूणांचल व बिहार तक के लोग शामिल है। आरोपितों ने बताया कि युवा क्रिकेटर्स को खिलाने के नाम पर खासतौर से उन प्रदेशों के एसोसिएशन में ठगी सामने आई है, जहां पिछले साल ही एसोसिएशन बनाने का दर्जा दिया गया था।
नागालैंड में है गिरोह का सरगना
अबतक की जांच में यह बात सामने आई इस गिरोह का सरगना नागालैंड से ही पूरे नेटवर्क को ऑपरेट कर रहा था। सूत्रों की मानें तो सरगना के जरिये कई लोगों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उन्हें विभिन्न श्रेणियों की क्रिकेट प्रतियोगिताओं में खिलाने का लालच दिया गया था। इसमें से कई से रकम ऐंठ भी ली गई और उन्हें कुछ मैच खिलाए भी गए थे।
क्या है पूरा मामला
क्राइम ब्रांच के एडिशनल सीपी राजीव रंजन ने बताया कि बीसीसीआई के इंटीग्रिटी मैनेजर अंशुमान उपाध्याय ने शिकायत दी थी कि कुछ लोग युवा क्रिकेटर्स को रणजी ट्रॉफी और अन्य टूर्नामेंटों में शामिल करवाने के बहाने ठगी का काम कर रहे हैं। उन्होंने अपनी शिकायत के साथ कनिष्क गौड़ और शिवम नाम के दो युवा क्रिकेटर्स की तरफ से बीसीसीआई के पास पहुंची शिकायत की कॉपी भी संलग्न की थी। मामला दर्ज कर जांच के दौरान क्राइम ब्रांच ने रवि दलाल और हरीश जमाल को गिरफ्तार किया। इसमें से रवि दलाल दिल्ली के पीतमपुरा इलाके में “फ्रेंड्स एकादमी चलाता है, जबकि हरीश जमाल एक राजधानी के एक स्कूल में पार्ट टाइम कोच के रूप में काम करता है। पुलिस दोनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही हैं।
ऐसे हुआ खुलासा
बीसीसीआई की तरफ से आई शिकायत में संलग्न पत्र में कनिष्क गौड़ नाम के खिलाड़ी ने यह आरोप लगाया था कि उसे अतिथि खिलाड़ी के रूप में मौका देने के लिए 11 लाख रुपये की ठगी की गई थी, लेकिन उन्हें दूसरे राज्य से अंडर-19 आयु के सिर्फ दो ही मैच खेलने के अवसर दिये गए। इसके बाद उसे मौका नहीं दिया गया। वहीं एक अन्य खिलाड़ी शिवम से जाली जन्म प्रमाण पत्र सहित कुछ फर्जी दस्तावेज तैयार करके 4 लाख रुपये लेकर उसे 23 साल की श्रेणी के तहत खेलने का मौका दिलाने की बात कही थी, लेकिन उसे भी एक भी मौका नहीं दिया गया। यह शिकायत इसी साल बीते 3 मार्च को बीसीसीआई की तरफ से क्राइम ब्रांच को दी गई थी।


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