नई दिल्ली, 04 जुलाई (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में वोटिंग अनिवार्य करने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस याचिका पर कोर्ट सुनवाई नहीं कर सकती है। कोर्ट ने कहा कि चुनाव सुधार पर कानून बनाना संसद का काम है।
याचिका में कहा गया था कि चुनावों में हर मतदाता को वोटिंग करना अनिवार्य बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट दिशा-निर्देश जारी करे।
याचिका में कहा गया था कि दुनिया के कई देशों जैसे अर्जेन्टीना, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम और ब्राजील की तरह भारत में भी चुनाव के दौरान मतदान अनिवार्य कर देना चाहिए। याचिका में कहा गया था कि देश के 90 करोड़ मतदाताओं में से केवल 66 करोड़ लोग ही मताधिकार का प्रयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि देश में मात्र 31 फीसदी वोटों से सरकारें बन जाती हैं। इसका मतलब यह कि केवल 20 फीसदी मतदाता ही सरकार बनाते हैं जो कि एक लोकतांत्रिक देश के लिए अच्छी तस्वीर नहीं है।
चुनाव आयोग एक बार सुप्रीम कोर्ट में कह चुका है कि मतदान मूल अधिकार है, परन्तु अनिवार्य अधिकार नहीं है। इसीलिए इसे अनिवार्य नहीं बनाया जा सकता है। तब याचिकाकर्ता ने गुजरात में बनाए बिल का उल्लेख करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी कि मतदान को सभी के लिए अनिवार्य बना देना चाहिए और जो भी इसका उल्लंघन करे उसके लिए सजा का प्रावधान होना चाहिए।