त्रिपुरा स्थानीय निकाय चुनाव में अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बल की तैनानी के आदेश
नई दिल्ली, 23 नवंबर( हि. स.)। सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा सरकार से कहा है कि स्थानीय निकाय के चुनाव के लिए अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की तैनाती करें। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि क्या सत्ताधारी दल के एक विधायक ने मुख्यमंत्री की उपस्थिति में भड़काऊ भाषण दिया। मामले की सुनवाई मंगलवार को ही फिर तीन बजे के बाद होनी है।
मंगलवार को सुबह सुनवाई शुरु हुई तो तृणमूल कांग्रेस के वकील जयदीप गुप्ता ने कहा कि तस्वीरों से साफ है कि पुलिस मूकदर्शक है। त्रिपुरा सरकार की ओर से पेश वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि 25 नवंबर को मतदान के पहले अचानक याचिका दी गई है। इस याचिका का उद्देश्य राजनीतिक है। पुलिस उपद्रवियों पर जरूरी कार्रवाई कर रही है। तब कोर्ट ने कहा कि हम चुनाव टालने की मांग पर विचार नहीं कर रहे हैं। बस बताइए कि आज से मतगणना की तारीख 28 नवंबर तक आप क्या करेंगे। वहां सुरक्षा का प्रभारी कौन है। क्या वहां केंद्रीय बल भी मौजूद हैं। कोर्ट ने कहा कि आप डीजीपी और गृह सचिव से विस्तार से जानकारी लेकर बताइए। हम दोपहर में फिर सुनवाई करेंगे।
दोपहर में जब दोबारा सुनवाई शुरु हुई तो जेठमलानी ने सुप्रीम कोर्ट को त्रिपुरा सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की एक चार्ट सौंपी। उन्होंने कहा कि अगर कोर्ट कहे तो वो विस्तार से जानकारी देंगे। तब कोर्ट ने पूछा कि क्या वहां सीआरपीएफ भी है। तब जेठमलानी ने कहा कि हां। उसके बाद कोर्ट ने कहा कि हम तीन बजे के बाद फिर सुनवाई करेंगे। आप बताइए कि क्या केंद्रीय बल की एक बटालियन की मांग करेंगे।
तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद कार्यकर्ताओं को सुरक्षा नहीं है। त्रिपुरा निकाय चुनावों के लिए प्रचार कर पाना मुश्किल हो गया है। झूठे मुकदमों में भी फंसाया जा रहा है। कोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि त्रिपुरा निकाय चुनाव 25 नवंबर को होनेवाले हैं। 11 नवंबर को तृणमूल कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार और डीजीपी को निर्देश दिया था कि सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम करें। कोर्ट ने कहा था कि चुनाव प्रचार के दौरान किसी भी राजनीतिक दल को अपने अधिकार का इस्तेमाल करने से नहीं रोका जाना चाहिए।