नई दिल्ली, 19 सितम्बर (हि.स.)। पति के पास भेजने की मांग कर रही नाबालिग मुस्लिम लड़की की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार का जवाब नहीं आने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। जस्टिस एनवी रमना की बेंच ने उप्र के गृह सचिव को 23 सितम्बर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लगता है कि राज्य सरकार को ऐसे मामलों में कोई फर्क नहीं पड़ता है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 16 साल की लड़की के निकाह को अवैध ठहराते हुए उसे नारी निकेतन में रखने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद लड़की ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि रजस्वला होने के बाद मुस्लिम लड़की शादी करने को स्वतंत्र है और वह अपनी शादीशुदा जिंदगी जीने को आजाद है।
लड़की फैजाबाद जिले की रहने वाली है। लड़की ने जब शादी की तब उसके माता-पिता ने अपहरण की शिकायत की थी लेकिन लड़की ने मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज बयान में कहा कि उसने अपनी मर्जी से शादी की है।