सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण पर अगले आदेश तक रोक लगाई
नई दिल्ली, 09 सितम्बर (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। कोर्ट ने इस मामले को पांच जजों या उससे ज्यादा की संख्या वाली बेंच को विचार करने के लिए रेफर कर दिया है।
पहले की सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने कोर्ट को बताया था कि 15 सितम्बर तक सरकारी नौकरियों में कोई नई भर्ती नहीं की जाएगी। पिछले 15 जुलाई को कोर्ट ने मराठा आरक्षण रोकने का अंतरिम आदेश देने से मना कर दिया था। वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा था कि ऐसे मामलों की सुनवाई नियमित कोर्ट में होनी चाहिए।
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि सवाल दस फीसदी ईडब्ल्यूएस कोटे का भी है जिस पर सुनवाई होनी चाहिए। तब जस्टिस एल नागेश्वर राव ने कहा कि अगर जरूरत पड़ेगी तो हम सुनवाई करेंगे। 12 जुलाई, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि मराठा आरक्षण को पूर्व प्रभाव के साथ लागू नहीं किया जा सकता है।
मराठा आरक्षण पर 28 जून 2019 को बांबे हाईकोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र सरकार और मराठा क्रांति मोर्चा ने सुप्रीम कोर्ट में केविएट याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया है कि अगर बांबे हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाती है तो कोई भी आदेश पारित करने से पहले उनका पक्ष भी सुना जाए। 27 जून 2019 को बांबे हाईकोर्ट ने मराठा आरक्षण की वैधता को बरकरार रखा था, लेकिन इसे 16 प्रतिशत से कम कर दिया। बांबे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के 16 प्रतिशत आरक्षण को घटाकर शिक्षा के लिए 12 प्रतिशत और नौकरियों के लिए 13 प्रतिशत करते हुए यह पाया कि अधिक कोटा उचित नहीं था।