नई दिल्ली, 06 नवम्बर (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोगों में खाली पड़े पदों पर नियुक्ति के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग करनेवाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और 9 राज्य सरकारों को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
याचिका आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज ने दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के पहले के आदेश के बावजूद केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोगों में खाली पड़े पदों को नहीं भरा गया है। अंजलि भारद्वाज की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों ने नियुक्ति के लिए उम्मीदवारों का चयन भी नहीं किया है।
दरअसल, दिसम्बर 2018 में केंद्र सरकार ने कहा था कि केंद्रीय सूचना आयोग में खाली पद जल्द ही भर लिए जाएंगे। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उसे केंद्रीय सूचना आयुक्त के लिए 65 और सूचना आयुक्तों के लिए 280 आवेदन मिले हैं। योग्य नामों का चयन कर लिया गया है।
केंद्र सरकार ने कहा कि इस बारे में जल्द ही अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि वो आवेदकों के नाम, सेलेक्शन का पैमाना और सर्च कमेटी का ब्यौरा कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग की वेबसाइट पर डालें।
पहले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार, पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, केरल और कर्नाटक सरकार को निर्देश दिया था कि वे केंद्रीय और राज्य सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए उठाए गए कदम पर प्रगति रिपोर्ट दाखिल करें।
सूचना का अधिकार कानून के तहत सूचना आयोग पाने संबंधी मामलों के लिए सबसे बड़ा और आखिरी संस्थान है। हालांकि सूचना आयोग के फैसले को हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। सबसे पहले आवेदक सरकारी विभाग के लोक सूचना अधिकारी के पास आवेदन करता है। अगर 30 दिनों में वहां से जवाब नही मिलता है तो आवेदक प्रथम अपीलीय अधिकारी के पास अपना आवेदन भेजता है।