दूरसंचार कंपनियों को चुकाना ही होगा एजीआर का बकाया : सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्‍ली, 18 मार्च (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दूरसंचार कंपनियों से साफ तौर पर कहा कि उन्‍हें सकल समायोजित राजस्‍व (एजीआर) का भुगतान करना ही होगा। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि इस मुद्दे पर किसी भी तरह की आपत्ति पर अब सुनवाई नहीं की जाएगी। साथ ही कोर्ट ने बिना अनुमति लिए फिर से एजीआर का आकलन करने के लिए केंद्र और दूरसंचार कंपनियों को आड़े हाथ लिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर का खुद से आकलन करने को लेकर सॉलिसिटर जनरल से भी सवाल किए और इसे अदालत की अवमानना करार दिया। सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर की बकाया राशि का भुगतान 20 साल में करने की अनुमति देने के लिए केंद्र के आवेदन पर विचार करने से इन्‍कार कर दिया। साथ ही शीर्ष कोर्ट ने कहा कि दूरसंचार कंपनियां पिछले 20 साल से बकाया पैसे नहीं चुका रही हैं और मीडिया के जरिए लोगों की राय को प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने एजीआर के मुद्दे पर लगातार समाचार पत्रों में प्रकाशित हो रहे लेखों पर नाराजगी वयक्त की। उन्‍होंने कहा कि इन सभी दूरसंचार कंपनियों के प्रबंध निदेशकों को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा और भविष्य में समाचार-पत्रों में ऐसे किसी भी लेख के लिए उन्हें न्यायालय की अवमानना का दोषी ठहराया जाएगा।

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