नई दिल्ली, 21 जून (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने पीजी मेडिकल और डेंटल में दाखिले के लिए काउंसलिंग की तिथि बढ़ाये जाने के निजी कॉलेजों और डीम्ड विश्वविद्यालयों की याचिका खारिज कर दी है। काउंसलिंग की तिथि 31 मई को समाप्त हो चुकी है। जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस सूर्यकांत की वेकेशन बेंच ने यह फैसला सुनाया।
निजी कॉलेजों और डीम्ड विश्वविद्यालयों के संगठन एजुकेशन प्रमोशन सोसायटी ऑफ इंडिया ने याचिका दायर कर कहा था कि अभी करीब एक हजार सीटें खाली हैं, जिन्हें भरने के लिए नए सिरे से काउंसलिंग की इजाजत दी जाए। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा था कोर्ट ने पहले भी समय सीमा खत्म होने के बाद काउंसलिंग कराने की इजाजत दी है। उन्होंने कहा था कि देश में डॉक्टरों की कमी है और काउंसलिंग के जरिए सीटों की संख्या भरने से स्थिति पर नियंत्रण करने में मदद मिलेगी।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा था कि आप बताएं कि निजी कॉलेजों और डीम्ड विश्वविद्यालयों में सीटों के भरने की प्रक्रिया क्या है। तब मनिंदर सिंह ने कहा कि एक छात्र जब नीट क्वालिफाई करता है तो उसके अंकों के आधार पर कॉलेज कोर्स रैंक शीट तैयार करती है। उसके बाद काउंसलिंग के जरिये सीटों को भरा जाता है। तब कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि दाखिले के लिए कट ऑफ मार्क्स तय होने चाहिए क्योंकि ये लोगों के जीवन से जुड़ा पेशा है।
स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशालय की ओर से एएसजी विक्रमजीत बनर्जी ने कहा कि निजी कॉलेजों और डीम्ड विश्वविद्यालयों को काउंसलिंग के लिए समय सीमा बढ़ाने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए। कोर्ट के पहले के फैसलों को इसमें आधार नहीं बनाया जा सकता है।