विशाखापट्टनम गैस लीक मामले में एनजीटी के आदेश पर हस्तक्षेप से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

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नई दिल्ली, 19 मई (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने विशाखापतनम में एलजी पालीमर्स इंडस्ट्री से स्टाइरीन गैस के लीक होने के मामले में एनजीटी के आदेश में कोई भी हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई सुनवाई के बाद एलजी पालीमर्स को एनजीटी से अपनी बात रखने को कहा। एनजीटी में अगली सुनवाई 1 जून हो होगी।
एलजी पॉलीमर्स की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि 7 मई को गैस लीक की घटना हुई। आठ मई को एनजीटी ने 50 करोड़ का जुर्माना लगा दिया। एलजी पॉलीमर्स ने ये जुर्माना अदा कर दिया है। कोर्ट ने पूछा कि क्या जुर्माने की पूरी रकम अदा कर दी गई है तो रोहगती ने कहा कि हां। रोहतगी ने कहा कि हमें जुर्माने से कोई आपत्ति नहीं है। हम एनजीटी की ओर से गठित कमेटी से समस्या है। अब तक सात कमेटियां गठित की गई हैं। हमारा प्लांट बंद हो चुका है। एनजीटी की ओर से गठित कमेटी ने बिना हमें नोटिस दिए ही प्लांट का तीन बार मुआयना किया है।
रोहतगी ने कहा कि दो कानूनी मसले हैं कि क्या एनजीटी स्वत: संज्ञान ले सकता है। सात कमेटियों की बजाय एक कमेटी होनी चाहिए। तब कोर्ट ने कहा कि आप हमें इन कमेटियों के गठन की तिथि बताइए। कोर्ट ने कहा कि लगता है कि एनजीटी ने सबसे पहले कमेटी गठित की है। तब रोहतगी ने कहा कि हम उस पर स्टे नहीं चाहते हैं लेकिन क्या एनजीटी को क्षेत्राधिकार है। कोर्ट ने कहा कि एनजीटी के क्षेत्राधिकार पर हम विचार करेंगे। आपको ये साबित करना होगा कि एनजीटी के पास क्षेत्राधिकार नहीं है।
रोहगती ने कहा कि कोर्ट को ये देखना होगा कि कमेटी गठित करने का क्षेत्राधिकार किसके पास है। तब जस्टिस ललित ने पूछा कि पहली कमेटी कौन है, तब रोहतगी ने कहा कि सभी कमेटियां 7 और 8 मई को गठित की गई हैं। रोहगती ने कहा कि आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने विस्तार से बताया कि हाई कोर्ट सही है या एनजीटी। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी कमेटी गठित की है। इतनी कमेटियों की जरुरत क्या है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और ऊर्जा विभाग ने भी कमेटी गठित की है।
रोहतगी ने कहा कि हाई कोर्ट ने 7 मई को कमेटी गठित की। एनजीटी ने 8 मई को कमेटी गठित की। तब कोर्ट ने कहा कि कमेटी गठित करते समय एनजीटी को ये नहीं पता होगा कि हाई कोर्ट ने भी कमेटी गठित की है। तब कोर्ट ने कहा कि हम एनजीटी के फैसले में कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे। आप एनजीटी जाइए। पिछले 18 मई को एनजीटी ने विशाखापतनम में एलजी पालीमर्स इंडस्ट्री से स्टाइरीन गैस के लीक होने के मामले पर सुनवाई टाल दिया था।
दरअसल एनजीटी की ओर से गठित पांच सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट एनजीटी को नहीं सौंपी, जिसके बाद एनजीटी ने सुनवाई टाल दिया। पिछली 8 मई को एनजीटी ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए आंध्र प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, विशाखापतनम के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्रालय और एलजी पालीमर्स को नोटिस जारी किया था। एनजीटी ने लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण को हुए नुकसान की भरपाई के लिए एलजी पालीमर्स को पचास करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया छा। एनजीटी ने एक पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है था।

 


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