नई दिल्ली, 09 जुलाई (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने दक्षिण भारतीय खाने के प्रसिद्ध रेस्टोरेंट चेन सर्वाना भवन के संस्थापक पी. राजगोपाल को सरेंडर करने के लिए समय सीमा बढ़ाने से इनकार कर दिया है।
राजगोपाल के वकील ने कोर्ट से कहा कि वे बीमार हैं तब जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि अगर वे इतने बीमार हैं तो उन्होंने अपनी अपील पर सुनवाई के दौरान एक बार भी इसके बारे में क्यों नहीं बताया। कोर्ट ने उन्हें तत्काल सरेंडर करने का आदेश दिया। पिछले 29 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने राजगोपाल को मिली उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने राजगोपाल को 7 जुलाई तक सरेंडर करने का आदेश दिया था लेकिन उसने सरेंडर नहीं किया था।
मामला 2001 का है। राजगोपाल ज्योतिषी की सलाह पर कर्मचारी की बेटी से शादी करना चाहता था। ऐसा न होने पर लड़की के पति की हत्या करवा दी थी। उसने आठ लोगों को इस हत्या की सुपारी दी थी, जिसके बाद उन्होंने प्रिंस शांताकुमार की हत्या कर दी। इस मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने 2009 में राजगोपाल को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राजगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।