नई दिल्ली, 16 सितम्बर (हि.स.)। संत रविदास मंदिर के तोड़े जाने के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे चीफ जस्टिस के पास रेफर कर दिया है। जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि चीफ जस्टिस ही इस मामले को संबंधित बेंच को भेज सकते हैं।
हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रविदास मंदिर के पुनर्निर्माण की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि 1509 से मौजूद मंदिर को गिराए जाने से धार्मिक आस्था को ठेस पहुंची है। याचिका में कहा गया है कि संत रविदास को मानने वाले लोगों को वहां पूजा करने का अधिकार है। याचिका में कहा गया है कि मंदिर 600 साल पुरानी है लिहाजा इस पर नए कानून लागू नहीं होते। सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले पर पुनर्विचार करें और मंदिर के निर्माण का आदेश दे। याचिका में पूजा के अधिकार के लिए संविधान की धारा 21ए का हवाला दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद डीडीए ने पिछले 10 अगस्त को मंदिर गिरा दिया था। इसके खिलाफ दिल्ली में पिछले 23 अगस्त को प्रदर्शन भी किया गया था। विरोध प्रदर्शनों पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि इस धरती पर किसी को भी कोर्ट के आदेश को सियासी रंग देने का अधिकार नहीं है। ये बन्द होना चाहिए। जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने पिछले 19 अगस्त को ये टिप्पणी की थी।