पीआईएल के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नया रोस्टर, सीजेआई समेत पांच वरिष्ठ जज करेंगे सुनवाई

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फरवरी 2018 में जब तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने रोस्टर बनाया था तब जनहित याचिकाएं केवल चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ही सुनती थी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने जब पदभार संभाला था तब कुछ जनहित याचिकाओं को जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली बेंच के पास भी सुनवाई के लिए भेजा था।



नई दिल्ली, 27 जून (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट में जजों के लिए नया रोस्टर जारी किया गया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के आदेश के मुताबिक यह रोस्टर एक जुलाई से लागू होगा। रोस्टर के मुताबिक जनहित याचिकाओं की सुनवाई पांच वरिष्ठतम जजों की अध्यक्षता वाली बेंच करेगी।
फरवरी 2018 में जब तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने रोस्टर बनाया था तब जनहित याचिकाएं केवल चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ही सुनती थी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने जब पदभार संभाला था तब कुछ जनहित याचिकाओं को जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली बेंच के पास भी सुनवाई के लिए भेजा था।
नए रोस्टर के मुताबिक जनहित याचिकाएं जिन जजों की अध्यक्षता वाली बेंच के पास जाएगी उनमें चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, एस ए बोबडे, जस्टिस एवी रमना, जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस आरएफ नरीमन शामिल हैं। यह पांचों ही जज सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम में भी शामिल है। चुनाव संबंधी याचिकाओं की सुनवाई पहले जहां केवल चीफ जस्टिस की बेंच के समक्ष होती थी अब नए रोस्टर के मुताबिक जस्टिस एस ए बोबडे की बेंच भी उन पर सुनवाई करेगी।
नए रोस्टर में पर्यावरण संबंधी मामलों की सुनवाई के लिए अभी तक कोई बेंच ही तय नहीं हुई है। पहले पर्यावरण संबंधी मामलों की सुनवाई पूर्व जस्टिस मदन बी लोकुर की बेंच करती थी। जस्टिस मदन बी लोकुर की बेंच सामाजिक न्याय के मामलों की भी सुनवाई करती थी। अब सामाजिक न्याय के मामलों की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच करेगी।
कोर्ट की अवमानना के मामले पर सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच के अलावा जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच भी करेगी। नए रोस्टर के मुताबिक जस्टिस एम शांतानागौदर और जस्टिस एस अब्दुल नजीर एक-एक बेंच की अध्यक्षता करेंगे।

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