नई दिल्ली, 23 जुलाई (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली की सभी कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को आदेश दिया कि वो आम्रपाली समूह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज करे और पैसों की हेराफेरी की जांच करें। सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह के सभी अधूरे प्रोजेक्ट का निर्माण करने के लिए नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी(एनबीसीसी) को सौंप दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और उप्र सरकार को निर्देश दिया है कि वो आम्रपाली के खिलाफ देशभर में कार्रवाई करें और ये सुनिश्चित करें कि फ्लैट धारकों के हित सुरक्षित रहें। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि बैंक, नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी आम्रपाली के प्रोजेक्ट्स पर कोई दावा नहीं करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बैंक और अथॉरिटीज के अधिकारियों की मिलीभगत से आम्रपाली का संकट पैदा हुआ है। बैंकों और अथॉरिटीज ने आम्रपाली में चल रहे संकट पर आंखें मूंदकर लोगों के विश्वास पर खरे नहीं उतरे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ किया आम्रपाली के सभी प्रोजेक्ट फ्लैट खरीददारों के हैं और उनसे कोई भी वसूली आम्रपाली समूह की दूसरी संपत्तियों को बेचकर ही वसूली जा सकती है। कोर्ट ने पिछले 10 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
दोनों अथॉरिटीज का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट हाई पावर कमेटी की निगरानी में किसी नामी बिल्डर को अधूरे प्रोजेक्ट पूरा करने का काम सौंप दे। अथॉरिटीज का कहना था कि करीब 5000 हजार करोड़ की राशि आम्रपाली पर लंबित रहने के बावजूद खरीददारों के हित और राजनीतिक वजहों से उन्होंने लीज रद्द नहीं की। फ्लैट खरीददारों का कहना था कि अधूरे प्रॉजेक्ट पूरा करने का काम एलएंडटी कंपनी को दिया जा सकता है और बेहतर होगा कि कोर्ट द्वारा नियुक्त कमेटी इसकी मॉनिटरिंग करें।