लॉकडाउन के दौरान मीडियाकर्मियों की छंटनी का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

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केंद्र सरकार समेत कई मीडिया संगठनों को नोटिस, दो हफ्ते में मांगा जवाब 



नई दिल्ली, 27 अप्रैल (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के बीच मीडिया संस्थानों में लोगों को नौकरी से हटाने, उनकी सैलरी काटने, बिना वेतन लम्बी छुट्टी पर भेजे जाने के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, नेशनल ब्रॉडकास्टिंग एसोसिएशन और इंडियन न्यूज़ पेपर सोसायटी को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये मामला गम्भीर है। हर तरह की यूनियन ये बात उठा रही है। सवाल ये भी है कि अगर बिजनेस नहीं चलता तो संस्थान कैसे खड़े रह पाएंगे। इस पर विचार करने की ज़रूरत है।
याचिका में कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान पत्रकारों और दूसरे स्टाफ से जबरन इस्तीफा लेने, बगैर वेतन छुट्टी पर भेजने और तनख्वाह में कटौती किये जाने के मामले सामने आ रहे हैं। याचिका में ऐसे सभी फैसलों को निष्प्रभावी घोषित करने की मांग की गई है।
याचिका में मांग की गई है कि केंद्र सरकार, इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी और न्यूज ब्राडकास्टर्स एसोसिएशन को दिशा-निर्देश जारी किये जाएंं कि वे लॉकडाउन में पत्रकारों और दूसरे स्टाफ के साथ कोई मनमानी कार्रवाई नहीं करें।

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