नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (हि.स.)। नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी (एनबीसीसी) ने आज सुप्रीम कोर्ट को जेपी समूह के अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए नया प्रस्ताव सौंपा। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रस्ताव पर विचार करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि पहले वे जेपी समूह के एनसीएलएटी के आदेश के खिलाफ लंबित याचिका पर फैसला करेंगे। उसके बाद एनबीसीसी के प्रस्ताव पर विचार करेंगे।
पिछले 5 सितम्बर को नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी (एनबीसीसी) ने जेपी समूह के अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने की इच्छा जताई थी। एनबीसीसी ने सुप्रीम कोर्ट में नया प्रस्ताव दायर करने की हामी भरी थी। सुप्रीम कोर्ट ने एनबीसीसी को नया प्रस्ताव दायर करने का निर्देश दिया था।
पिछले 3 सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने एनबीसीसी को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्या वह प्रोजेक्ट पूरे करने पर कोई बेहतर योजना पेश करना चाहता है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि अगर एनबीसीसी इन प्रोजेक्ट्स को हाथ में ले तो हम जेपी इंफ्राटेक पर बकाया सैकड़ों करोड़ के टैक्स में रियायत दे सकते हैं। जेपी समूह ने कहा था कि उसे अपने समूह को पुनर्जीवित करने का एक मौका मिलना चाहिए। वह सभी बैंकों के कर्ज चुकाकर तीन वर्षों में सभी हाऊसिंग प्रोजेक्ट पूरा करना चाहता है। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पहले वह एनबीसीसी के विकल्प पर विचार करना चाहते हैं।
पिछले 18 जुलाई को कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वह फ्लैट खरीददारों के पक्ष में जल्द फैसला ले। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने जल्द ही फ्लैट खरीददारों पर फैसला लेने की बात कही थी।