नई दिल्ली, 29 जुलाई (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा में गोवर्धन पर्वत के संरक्षण का मामले पर एनजीटी के आदेश के खिलाफ उत्तरप्रदेश सरकार की याचिका पर जल्द सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर 2 अगस्त को सुनवाई करेगा।
यूपी सरकार की ओर से एडिशनल एडवोकेट जनरल ऐश्वर्या भाटी ने मामले की जल्द सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन किया। सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई की उनकी मांग को खारिज करते हुए कहा कि अगर एनजीटी चाहती है तो ब्यूरोक्रेट्स इसमें संकोच क्यों कर रहे हैं?
दरअसल, एनजीटी ने यूपी सरकार को आदेश दिया है कि मथुरा के गोवर्धन में तीन मंदिरों के लिए श्राईन बोर्ड का कानून बनाए। पिछले 19 जुलाई को एनजीटी ने मथुरा के गोवर्धन में तीन मंदिरों के लिए श्राईन बोर्ड का कानून बनाने के संबंध में गलत हलफनामा दायर करने पर नाराजगी जताते हुए उत्तरप्रदेश सरकार को फटकार लगाई थी। एनजीटी ने यूपी के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी एके अवस्थी को 31 जुलाई को तलब किया है।
पिछले 1 फरवरी को एनजीटी ने उत्तरप्रदेश सरकार को निर्देश दिया था कि वो मथुरा के गोवर्धन में तीन मंदिरों के लिए श्राईन बोर्ड का कानून बनाएं। उसके बाद यूपी सरकार ने एनजीटी को आश्वस्त किया था कि श्राईन बोर्ड बनाने का काम जल्द ही पूरा होगा। लेकिन 19 जुलाई को हलफनामे में यूपी सरकार के वकील ने एनजीटी को बताया था कि राज्य मंत्रिमंडल ने गोवर्धन श्राईन बोर्ड के गठन की अनुमति नहीं दी है। एनजीटी ने यूपी सरकार से पूछा था कि जब आपने अपने पहले के हलफनामे में कहा था कि वो श्राईन बोर्ड का कानून बनाने के लिए एनजीटी के आदेशों का पालन करेगी तो अब इससे मुकर कैसे गई। यूपी सरकार ने अपने हलफनामे में कहा था कि वो उत्तरप्रदेश रेलिजियस प्लेसेस प्लानिंग एंड डेवलपमेंट बिल 2019 ला रही है।