ईडी तीन माह में पूरी करे आम्रपाली प्रोजेक्ट में जेपी मॉर्गन की भूमिका की जांच

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फेमा और एफडीआई मानदंडों के उल्लंघन का शक, अगली सुनवाई 13 दिसम्बर को



नई दिल्ली, 02 दिसम्बर (हि.स.)। आम्रपाली के फ्लैट खरीददारों के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को निर्देश दिया है कि वो अंतराष्ट्रीय कंपनी जेपी मॉर्गन की भूमिका को लेकर तीन महीने में जांच पूरी करे। कोर्ट का मानना है कि जेपी मॉर्गन ने फेमा और एफडीआई मानदंडों का उल्लंघन करके आम्रपाली में निवेश किया और निवेशकों का पैसा डाइवर्ट करने में मदद की। मामले पर अगली सुनवाई 13 दिसम्बर को होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने रिसीवर से कहा है कि वो आम्रपाली की 85 कारों को बेचकर अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए फंड जुटाएं। कोर्ट ने बैंकों से पूछा है कि वो फ़्लैट खरीददारों को कैसे लोन मुहैया कराएंगे। फ्लैट खरीददार 31 जनवरी तक किश्त जमा करा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी (एनबीसीसी) को जोडिएक, सफायर 1, 2, सिलिकॉन सिटी 1,2, प्रिंसली इस्टेट, सेंचुरियन पार्क के अधूरे प्रोजेक्ट को पहले पूरा करने का निर्देश दिया।

पिछले 11 सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने एनबीसीसी को आम्रपाली की दो हजार यूनिट्स को बेचने के लिए योजना दाखिल करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने आम्रपाली की ओ-टू हैली और हार्टबीट सिटी की फॉरेंसिक ऑडिट करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के फ्लैट खरीददारों से बकाया राशि जमा करने को कहा था। पिछले 26 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने ईडी और दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि वे फॉरेंसिक ऑडिटर की रिपोर्ट सौंपें। कोर्ट ने कहा था कि ईडी और पुलिस निवेशकों के पैसों के गबन के मामले में जरूरी कार्रवाई शुरू करें। नोएडा और ग्रेटर नोएडा कोर्ट ने अथॉरिटी से अपने पिछले आदेश पर अमल के लिए एक-एक अधिकारी नियुक्ति करने का भी निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा था कि अधूरे प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए एनबीसीस को 7.16 करोड़ रुपये की रकम दी जाए।

पिछले 13 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को निर्देश दिया था कि वे आम्रपाली के फ्लैट खरीददारों को रजिस्ट्री करना शुरू करें। कोर्ट ने दोनों एजेंसियों को सख्त हिदायत दी थी कि अगर फ्लैट खरीददारों को कब्जा देने में कोई देरी करते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सुनवाई के दौरान नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने कोर्ट से कहा था कि कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए उन्होंने आम्रपाली के फ्लैट खरीददारों के मामलों को देखने के लिए स्पेशल सेल गठित किया है। पिछले 23 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली की सभी कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को आदेश दिया था कि वो आम्रपाली समूह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज करें और पैसों की हेराफेरी की जांच करें। सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह के सभी अधूरे प्रोजेक्ट का निर्माण करने के लिए एनबीसीसी कौ सौंप दिया था।

 


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