सिख विरोधी दंगा: सुप्रीम कोर्ट ने सज्जन कुमार की जमानत याचिका खारिज की
नई दिल्ली, 04 सितम्बर (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट से मिली सजा के खिलाफ की गई अपील पर नियमित सुनवाई शुरू होने पर विचार किया जाएगा।
सुनवाई के दौरान सज्जन कुमार की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट जमानत के लिए जो शर्तें लगाएगा वो उसे मानेंगे। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि ये कोई सामान्य मामला नहीं है। हम किसी भी शर्त पर जमानत नहीं दे सकते हैं। तब सज्जन कुमार की ओर से कहा गया कि अस्पताल में भर्ती करने की अनुमति दी जाए। तब कोर्ट ने कहा कि आपकी मेडिकल रिपोर्ट देखकर ऐसा नहीं लगता है कि आपको अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत है।
पिछले 13 मई को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये नरसंहार का मामला है। आप भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे। सुनवाई के दौरान सॉलिसिट जनरल तुषार मेहता ने सज्जन कुमार की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि ये नरसंहार का मामला है। सज्जन दंगाइयों की भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे।
दिल्ली हाईकोर्ट ने 17 दिसंबर 2018 को सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने पूर्व नेवी अधिकारी भागमल के अलावा, कांग्रेस के पूर्व पार्षद बलवान खोखर, गिरधारी लाल और दो अन्य को ट्रायल कोर्ट से मिली सजा को बरकरार रखा था। सज्जन कुमार ने 31 दिसंबर 2018 को कड़कड़डूमा कोर्ट में सरेंडर कर दिया था ।