वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करने के नियम बनाएं सभी हाई कोर्ट
नई दिल्ली, 06 अप्रैल (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने देश भर की अदालतों में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करने के मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए देश भर की सभी हाई कोर्ट को आदेश दिया है कि वे इसके लिए नियम बनाएं। चीफ जस्टिस एसए बोब्डे की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि निचली अदालतें हाई कोर्ट के बनाए नियमों के मुताबिक काम करें। अगर कनेक्शन की दिक्कत से किसी पक्ष को कोई समस्या हुई हो तो वो तभी या सुनवाई के तुरंत बाद हेल्पलाइन पर सूचना दें। बाद में कही बात अमान्य होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनआईसी पूरे देश में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई सुनिश्चित करे। कोर्ट ने कहा कि वीडियो कांफ्रेंसिंग से साक्ष्य या गवाही रिकॉर्ड नहीं की जाएगी। सबूत या गवाही रिकॉर्ड करने के लिए कोर्ट में बुलाया जाएगा। मुकदमे से जुड़े जिन लोगों को स्वास्थ्य की समस्या नहीं, उन्हें कोर्ट में आने दिया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि सुनवाई के दौरान अगर जज को लगा कि लोग ज़्यादा आ गए हैं तो सुनवाई टाल दी जाएगी। लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी वीडियो कांफ्रेंसिंग व्यवस्था खत्म नहीं होगी। इसे और बेहतर बनाने पर काम किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट 4 हफ्ते बाद इस मामले पर फिर सुनवाई करेगा।
वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और वकील विकास सिंह ने अपने अपने पक्ष रखे। दरअसल, विकास सिंह ने एक पत्र लिखकर लॉकडाउन के दौरान कोर्ट में सुनवाई के लिए कुछ सुझाव दिए थे। इस पत्र पर संज्ञान लेते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की।
सुनवाई के दौरान विकास सिंह ने कहा कि कोर्ट में सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने की वजह से पक्षकारों और मीडियाकर्मियों में मामलों को लेकर उत्सुकता बहुत है। चीफ जस्टिस ने कहा कि विकास सिंह के सुझावों पर गौर करने की जरूरत है। कोर्ट को लॉकडाउन के बाद भी अपने काम के तरीके को बदलने की जरूरत है। इस पर व्यापक विचार विमर्श की आवश्यकता है।
कोर्ट ने 3 अप्रैल को वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई सुनवाई के दौरान तकनीकी दिक्कतों पर चिंता जताते हुए न्याय विभाग और एनआईसी के महानिदेशक को इस ओर ध्यान देने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल और सभी हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार को निर्देश दिया कि वे एनआईसी के महानिदेशक से कनेक्ट हों, ताकि कनेक्टिविटी में कोई समस्या नहीं हो। अटार्नी जनरल ने कहा कि क्या देश भर के वकील इसे एक्सेस कर पाएंगे। तुषार मेहता ने कहा कि वीडियो सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री की ओर से एडजस्ट किया जाना चाहिए।
सुनवाई के दौरान एनआईसी के महानिदेशक ने कहा कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए तीन चीजें जरूरी हैं। पहला कि अच्छा ब्राडबैंड कनेक्टिविटी, दूसरा अच्छा डिवाइस और तीसरा उपयोग करने वाले लोगों का व्यवहार। जब एक व्यक्ति बोल रहा हो तो दूसरा म्युट करे। एनआईसी इसके लिए दिशा-निर्देश जारी करेगी और उसे कोर्ट और वकीलों को उपलब्ध कराया जाएगा। राज्यों में एनआईसी के अधिकारी संबंधित हाई कोर्ट की मदद करेंगे।