नई दिल्ली, 19 सितम्बर (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन को चिट्ठी लिखकर देने वाले तमिलनाडु के प्रोफेसर षनमुगम के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही को बंद कर दिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने प्रोफेसर के वकील से कहा कि आप 88 वर्ष के हैं। आप ऐसा क्यों कर रहे हैं? इस शर्त पर हम केस बन्द कर रहे हैं और कोई एक्शन नहीं ले रहे कि दोबारा ऐसा न हो।
दरअसल, प्रोफेसर ने राजीव धवन को चिट्ठी लिखे जाने पर खेद जताया। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने प्रोफेसर को नोटिस भेजा था।
सुनवाई के दौरान राजीव धवन और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि हमें इनके लिए कोई सजा नहीं चाहिए। हम सिर्फ इस बात को आपके नोटिस में लाना चाहते थे। हम सिर्फ यह कहना चाहते हैं कि इस देश में ऐसा नहीं होना चाहिए। हम इस मामले को बंद करना चाहते हैं। सिब्बल ने कहा कि हम सिर्फ ये चाहते हैं कि पूरे देश में ये मैसेज जाए कि ऐसा नहीं होना चाहिए। हम इनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेना चाहते।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने प्रोफेसर के वकील से कहा कि आप 88 वर्ष के हैं। आप ऐसा क्यों कर रहे हैं? इस शर्त पर हम केस बन्द कर रहे हैं और कोई एक्शन नहीं ले रहे कि दोबारा ऐसा न हो।