नई दिल्ली, 13 अगस्त (हि.स.)। बीएस-4 वाहन खरीदने वालों को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च तक बिकी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन की इजाज़त दे दी है। कोर्ट ने कहा कि जो गाड़ियां बिक्री के बाद ई-वाहन पोर्टल पर दर्ज हुई हैं या जिनका अस्थायी रजिस्ट्रेशन हुआ है, उनका रजिस्ट्रेशन हो सकता है। कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में बिकी गाड़ियों को अभी छूट नहीं दी है।
सुनवाई के दौरान फेडरेशन ऑफ आटोमोबाइल्स डीलर्स एसोसिएशन की ओर से वकील केवी विश्वनाथन ने कहा कि 10 अगस्त को विस्तृत हलफनामा दाखिल कर दिया गया है। कोर्ट ने पूछा कि आप हमें बताइए कि कितने डीलर्स हैं। रजिस्ट्रेशन की अनुमति नहीं मिलेगी। विश्वनाथन ने कहा कि हमने अलग-अलग कंपनियों से वाहन खरीदे हैं। कोर्ट ने कहा कि हम आपको कंपनियों से वाहन खरीदने की अनुमति नहीं देंगे। ये फ्राड है। हम कंपनियों को दंडित करेंगे। आपने लॉकडाउन के दौरान काफी वाहन बेचे हैं। आप कोर्ट से झूठ मत बोलिए।
केवी विश्वनाथन ने कहा कि हमने वाहन निर्माताओं से सीधे वाहन खरीदे हैं। कोर्ट ने कहा कि आप क्या चाहते हैं। विश्वनाथन ने कहा कि 31 मार्च तक बिके वाहनों के रजिस्ट्रेशन की अनुमति दीजिए। अब जुलाई में भी बिक्री शुरू हो चुकी है। कोर्ट वास्तविक खरीददारों के दस्तावेजों के वेरिफिकेशन का आदेश दे सकता है। एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि 39 हजार वाहनों की जानकारी अपलोड नहीं की गई है। बाकी वाहनों की जानकारी ई-वाहन पोर्टल पर उपलब्ध है।
जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि राज्य सरकारों ने अलग-अलग डेट दिया है, हमें उनकी बिक्री और रजिस्ट्रेशन को सावधानीपूर्वक देखना होगा। कोर्ट ने आटोमोबाइल डीलर्स से पूछा कि दिल्ली-एनसीआर के बारे में बताइए। हम दिल्ली-एनसीआर में 31 मार्च के बाद बिके वाहनों के रजिस्ट्रेशन की अनुमति नहीं देंगे। हमने इसके बारे में आदेश दे दिया है।
पिछली 31 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-4 वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। कोर्ट ने मार्च में बड़ी संख्या में इन वाहनों की बिक्री पर संदेह जताते हुए कहा था कि मामले में गड़बड़ी की गई है। पिछली 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-4 वाहनों की बिक्री के लिए लॉकडाउन के बाद दस दिनों की मोहलत वाले आदेश को वापस ले लिया था। जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि लॉकडाउन के बाद दस दिनों में बेचे गए वाहनों का रजिस्ट्रेशन न किया जाए।