सऊदी आर्मको आईपीओ के अगले वर्ष जारी होने की संभावनाएं : ख़ालिद अल फ़लीह

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विएना में ओपेक देशों की बैठक में भाग लेने आए सऊदी अरब के तेल मंत्री ख़ालिद अल फ़लीह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह कहना सरासर ग़लत है कि ‘सऊदी आर्मको’ आईपीओ का विचार त्याग दिया गया है।



लॉस एंजेल्स, 03 जुलाई (हि.स.)। सऊदी आर्मको अर्थात् सऊदी अरेबियन ऑयल कंपनी की ओर से अब तक के सबसे बड़े आईपीओ के जारी होने की सम्भावनाएं बनी हुई हैं। उम्मीद की जा रही है कि यह साल के अंत में अथवा अगले साल की शुरुआत में जारी होगा। इस दो खरब डॉलर की लागत वाले आईपीओ को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में दर्ज किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
विएना में ओपेक देशों की बैठक में भाग लेने आए सऊदी अरब के तेल मंत्री ख़ालिद अल फ़लीह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह कहना सरासर ग़लत है कि ‘सऊदी आर्मको’ आईपीओ का विचार त्याग दिया गया है। सऊदी शहज़ादे मुहम्मद बिन सलमान ने देश की आर्थिक स्थिति में सुधार और बुनियादी ढांचे में बदलाव के लिए सन् 2016 में ‘विजन 2030’ के संकल्प की दृष्टि से अब तक के सबसे बड़े आईपीओ को शुरू करने का संकल्प किया था। इस बीच कच्चे तेल की क़ीमतों में गिरावट के कारण इस योजना में थो़ड़ा बदलाव करना पड़ा। अब एक बार फिर से इसे लेकर तैयारियां की जा रही हैं। अभी पिछले दिनों अप्रैल में 12 अरब डॉलर के बॉंन्ड जारी किए गए थे।
सऊदी अरब ने इस आईपीओ के लिए शुरू में आईपीओ के लिए कुछ बड़े बैंकों अर्थात् एनकोर इन, मोइलिस, एचईएबीएस होल्डिंग, जेपी मोर्गन चेज़ और मोर्गन सटानले को अनुबंधित किया था। ख़लीह ने कहा कि इस संबंध में सभी विवादास्पद मुद्दे सुलझा लिए गए हैं। बताया जाता है कि आईपीओ जारी किए जाने में वाशिंगटन पोस्ट के ब्लोॉर जमाल खशोगी की हत्या के कारण राजनैतिक सरगर्मियों की वजह से भी सऊदी अरब आईपीओ पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित नहीं कर सका है।

 


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