नई दिल्ली/रियाद, 17 नवम्बर (हि.स.)। सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी (पीएसयू) सऊदी अरामको ने औपचारिक रूप से रविवार को प्रारम्भिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) जारी कर दिया है। लंबे समय से प्रतीक्षित आईपीओ देश को तेल निर्भरता से दूर ले जाने की योजना का हिस्सा है।
कंपनी द्वारा जारी बयान के मुताबिक कंपनी का कुल वैल्यूएशन 1.7 ट्रिलियन डॉलर आंका गया है। हालांकि, सऊदी क्राउन प्रिंस ने 2 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य रखा था। सऊदी अरामको इस आईपीओ के जरिए अमेरिका समेत दुनिया के किसी अन्य स्टॉक मार्केट में सीधे तौर पर शेयर नहीं बेच सकेगी। यह केवल सऊदी अरब के स्टॉक मार्केट तक ही सीमित होगा, जहां विदेश संस्थागत निवेशक इसका लाभ ले सकते हैं।
सऊदी अरामको ने बताया कि वो कंपनी में 1.5 फीसदी हिस्सेदारी की ही आईपीओ लाएगी, जोकि करीब 3 अरब शेयर्स होंगे। हालांकि अभी शेयर प्राइस की कंपनी ने घोषणा नहीं की है लेकिन यह करीब 30 से 32 रियाल तय हो सकती है। इस कीमत से कंपनी को 96 अरब रियाल, यानी 25.60 अरब अमेरिकी डॉलर मिलेंगे। कंपनी ने कहा कि फिलहाल उसका हाल के दिनों में कोई आईपीओ लाने का लक्ष्य नहीं है। शेयर बाजार में लिस्टिंग का पिछला रिकॉर्ड चीन की ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के नाम है। उसने साल 2014 में आईपीओ के जरिए 25 अरब डॉलर जुटाए थे। अरामको इस रिकार्ड को ब्रेक कर सकती है।
उल्लेखनीय है कि सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान काफी समय से तेल पर निर्भर अपनी अर्थव्यवस्था में बदलाव लाना चाहते हैं। दुनिया की कच्चे तेल की जरूरत का दस फीसदी अकेले सऊदी अरामको पूरा करती है। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी ने स्पष्ट किया है कि अभी उसकी योजना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शेयर सूचीबद्ध कराने की नहीं है। इससे यह संकेत मिलता है कि लंबे समय से दो चरण के आईपीओ की जो चर्चा चल रही थी, उसे फिलहाल टाल दिया गया है।