सरयू राय ने राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा, कहा- भाजपा 15 सीटों पर सिमटेगी

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कायदे से मुख्यमंत्री रघुवर दास को मुझे बर्खास्त कर देना चाहिए था : सरयू रायभ्रष्टाचार के मामले जो पहले से उठाते रहे हैं उसे चुनाव के बाद भी जारी रखेंगे



रांची, 13 दिसम्बर (हि.स.)। भाजपा से बगावत कर जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट से मुख्‍यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ चुनाव लड़ रहे उनके कैबिनेट के खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री सरयू राय ने शुक्रवार को राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिलकर औपचारिक रूप से अपने पद से इस्तीफे का पत्र सौंप दिया।  

मंत्री परिषद की सदस्यता से त्यागपत्र देने के बाद मीडिया से बातचीत में भाजपा के बागी राय ने कहा कि नैतिकता के आधार पर मुझे मंत्री पद पर रहने का अधिकार नहीं था। मैं भाजपा से अलग होकर मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ रहा था, इसलिए कायदे से तो मुख्यमंत्री रघुवर दास को मुझे बर्खास्त कर देना चाहिए था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

उन्होंने कहा कि मैंने पिछले 17 नवंबर को ही फैक्स से राजभवन को त्यागपत्र भेजा था। किसी कारणवश वह राजभवन को नहीं मिला इसलिए मैं व्यक्तिगत रूप से राजभवन में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिलने गया था और त्यागपत्र देने के साथ ही 17 नवंबर को फैक्स से भेजे गए इस्तीफे के बारे में भी जानकारी दी।

राज्य में भाजपा की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर राय ने कहा कि भाजपा 15 से ज्यादा सीट राज्य में नहीं ला सकती है। स्थिति काफी खराब है। सरयू राय ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले जो पहले से उठाते रहे हैं उसे चुनाव के बाद भी जारी रखेंगे।

भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उन्होंने जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ चुनाव लड़ने का निर्णय किया था। माना जा रहा है कि उनके इस्तीफे को लेकर उत्पन्न विवाद के बाद उन्‍होंने राज्यपाल से मिलकर उन्हें औपचारिक तौर पर त्‍यागपत्र सौंपा। विशेषज्ञों के अनुसार, कोई भी मंत्री राजभवन में स्वयं उपस्थित होकर राज्यपाल को मंत्री पद से इस्तीफा सौंप सकता है। इसके बाद राजभवन इस्तीफा पर विचार करता है। राज्य सरकार के मंतव्य के बाद ही राजभवन मंत्री का इस्तीफा मंजूर कर करता है। फैक्स से इस्तीफा पर विचार नहीं होता।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ही मुझे हटा सकते हैं
सरयू राय को प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा द्वारा छह वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित किए जाने की खबर पर सरयू राय ने कहा कि मुझे हटाने का अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को है। सरयू राय भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य हैं। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्या प्रदेश अध्यक्ष उन्हें हटा सकते हैं।

मेरे पक्ष में बेहतर वोटिंग हुई, लेकिन 23 को पता चल जाएगा
मुख्यमंत्री के खिलाफ जीत दर्ज करने के संबंध में पूछे जाने पर सरयू राय ने कहा कि हमारे विधानसभा क्षेत्र के लोगों का कहना है कि वहां मेरे पक्ष में बेहतर वोटिंग हुई है, लेकिन यह तो 23 दिसंबर को पता चल पाएगा।

 


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