कानपुर, 24 जुलाई (हि.स.)। बर्रा इलाके से लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का पहले अपहरण फिर उसकी हत्या हो जाने पर समूचा विपक्ष सरकार पर हमलवार हो गया है। विपक्ष का हमलावर होना वाजिब भी है क्योंकि पूरे मामले को लेकर पुलिस की कार्यशैली बहुत ही निंदनीय रही। हालांकि मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचने पर एसपी दक्षिण अपर्णा गुप्ता सहित 10 पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया, लेकिन विपक्ष को राजनीति करने का मौका मिल गया।
इसी के चलते कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा, बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पुलिस और सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। यही नहीं राजनीतिक दलों के साथ जनता भी अब पुलिस की कार्यशैली के खिलाफ आवाज उठाने लगी है।
बर्रा थाना क्षेत्र के बर्रा-5 निवासी लैब टेक्नीशियन संजीत यादव 22 जून से लापता था। इसके बाद पिता चमन यादव के पास 30 लाख रुपये दिये जाने का फोन आया तब पता चला कि उनके बेटे का अपहरण हो गया। पुलिस को जानकारी दे मुकदमा लिखाया गया। यही नहीं परिजनों के मुताबिक पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को 30 लाख रुपया दिलवा दिया और शुक्रवार को उसकी हत्या की खबर सामने आयी। संजीत की हत्या हो जाने के बाद जहां एक तरफ पुलिस अभी उसका शव पाण्डु नदी में खोज रही हैं तो वहीं सारा विपक्ष सरकार को घेरने में जुट गया। इसके साथ ही पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाये जा रहे हैं।
प्रियंका वाड्रा ने किया ट्वीट
कांग्रेस महासचिव व पूर्वी उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा ने अपहृत संजीत यादव की हत्या पर ट्वीट करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से दम तोड़ चुकी है। आम लोगों की जान लेकर अब इसकी मुनादी की जा रही है। घर हो, सड़क हो, ऑफिस हो कोई भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करता। विक्रम जोशी के बाद अब कानपुर में अपहृत संजीत यादव की हत्या।
पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को पैसे भी दिलवाए और उनकी हत्या कर दी गई। एक नया गुंडाराज आया है, इस जंगलराज में कानून-व्यवस्था गुंडों के सामने सरेंडर कर चुकी है।
बताते चलें कि जब संजीत का अपहरण हुआ और परिजनों ने पुलिस पर 30 लाख रुपये फिरौती दिलाये जाने का आरोप लगाया था तब भी प्रियंका ने पुलिस पर तंज कसे थे।
प्रदेश में जारी है जंगलराज
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने संजीत के अपहरण और हत्या की घटना को लेकर उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट करके कहा है कि यूपी में जारी जंगलराज के दौरान एक और घटना में कानपुर में अपहरणकर्ताओं द्वारा संजीत यादव की हत्या करके शव को नदी में फेंक दिया गया जो अति-दुःखद व निंदनीय है। उन्होंने मांग की कि अपराध नियंत्रण व कानून व्यवस्था पर प्रदेश सरकार तुरंत हरकत में आये।
अखिलेश यादव का ट्वीट
संजीत यादव की हत्या की खबर पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि कानपुर से अपहृत इकलौते बेटे संजीत की मौत की ख़बर दुखद है। चेतावनी देने के बाद भी सरकार निष्क्रिय रही और अब सरकार 50 लाख के मुआवजे के साथ अपहरणकर्ताओं को दी गई फिरौती की रकम भी पीड़ित के परिवार को वापस दिलाए। उन्होंने समाजवादी पार्टी की तरफ से मृतक के परिवार को पांच लाख की मदद देने का ऐलान किया है।
ट्वीटर पर अखिलेश ने आगे लिखा-अब कहां है दिव्य शक्ति संपन्न लोगों का भयोत्पादक प्रभा-मंडल व उनकी ज्ञान मंडली। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में कानून व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ गई है। बताते चलें कि गुरुवार को भी अखिलेश यादव ने भी ट्वीट करके पुलिस पर सवाल उठाए थे। उन्होंने लिखा था कि कानपुर से अपहृत युवक का अब तक कोई पता नहीं चला है। शासन एवं पुलिस प्रशासन दोनों इस मामले में पूरी तरह से निष्क्रिय क्यों हैं? आशा हैं? युवक सही सलामत अपने परिवार तक पहुंच पाएगा।
राजबब्बर ने भी पुलिस पर उठाये सवाल
अभिनेता व पूर्व उत्तर प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर ने भी ट्वीट के जरिये संजीत यादव के अपहरण और उसकी हत्या हो जाने पर पुलिस पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि अपहृत संजीत यादव के क़त्ल के बाद कानपुर पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को फिरौती दिलवाई। कहा, जाल’ बिछाया था, क्या जाल बिछाने के लिए 30 लाख से भरे बैग की ज़रूरत थी? कांग्रेसजनों ने तभी मामले को उठाया पर तवज़्ज़ो नहीं मिली। बिलखती मां-बहन के असली गुनहगार क्या सिर्फ़ अपहरणकर्ता हैं?