नई दिल्ली, 31 जुलाई (हि.स.)। गांधी परिवार के नजदीकी और पूर्व सांसद संजय सिंह व उनकी पत्नी अमिता बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। पार्टी मुख्यालय में भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाई। संजय सिंह ने मंगलवार को ही कांग्रेस पार्टी और राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था।
बुधवार को भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संजय सिंह का जनप्रतिनिधि, सांसद और विधायक के रूप में चार दशक का एक लम्बा राजनीतिक करियर रहा है। उन्होंने कहा कि सामन्यत: लोग राजनीतिक दल से जुड़ने पर पद की इच्छा करते हैं, लेकिन डॉ. संजय सिंह ने राज्यसभा से अपनी सीट का त्याग करके आए हैं।
उन्होंने कहा कि अमिता सिंह सबसे पहले भाजपा से ही विधायक बनी थीं। वह उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री भी रही थीं। सुल्तानपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष भी रहीं। तीन बार अमेठी से विधायक रहीं। इस समय वह उत्तर प्रदेश में ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस की अध्यक्ष के रूप में काम कर रही थीं। उन्होंने भी अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है।
संजय सिंह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में देश एक नए भारत की ओर बढ़ रहा है। वह प्रधानमंत्री मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के नारे से प्रभावित होकर पार्टी में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके लिए राजनीति कोई पेशा नहीं है बल्कि समाज सेवा करने का एक मजबूत माध्यम है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आने वाले समय में सबका साथ सबका विकास को और आगे बढ़ाएगी और उसमें हम भी अपना सहयोग देंगे।
67 वर्षीय संजय सिंह अमेठी के राजघराने से ताल्लुक रखते हैं। अमिता उनकी दूसरी पत्नी हैं। मार्च 1995 में उनका पहली पत्नी गरिमा सिंह से तलाक हो गया था। डॉ. संजय सिंह 1980 में पहली बार विधायक बने थे। 1985 में विधायक रहे हैं। अमेठी से लगातार जुड़े रहे हैं। वह उत्तर प्रदेश सरकार में 1984-87 तक मंत्री रहे। 1990 में राज्यसभा सदस्य बने। 1998 में फिर लोकसभा सदस्य रहे। 2009 में भी लोकसभा में विजयी रहे। अभी 2014 में राज्यसभा के सदस्य थे।
वहीं अमिता सिंह 2002 में अमेठी से विधायक रही हैं। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में मंत्री रही हैं। 2004 और 2007 में भी विधायक रही हैं।