मुंबई, 01 नवम्बर (हि.स.) । महाराष्ट्र सरकार में सम्मानजनक हिस्सेदारी को लेकर शिवसेना ने भाजपा पर दबाव बढ़ा दिया है। दोनों पार्टियों में 50-50 फार्मूले को लेकर गतिरोध जारी है। इधर शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस समीकरण की संभावनाओं के बीच शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत ने एनसीपी मुखिया शरद पवार से मुलाकात करके सियासत में हलचल मचा दी है।
पवार और राऊत की मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया जा रहा है। हालांकि यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई जब राज्य में सरकार बनाने को लेकर भाजपा और शिवसेना में खींचतान जारी है। लोकसभा चुनाव के दौरान तय किए गए 50-50 फार्मूले का हवाला देते हुए शिवसेना ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद और महत्वपूर्ण विभागों को लेकर अड़ी हुई है। इधर भाजपा ने साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना से कोई वादा नहीं किया गया है। गृह विभाग, राजस्व, वित्त और नगर विकास विभाग भाजपा नहीं छोड़ेगी।
सूत्रों के अनुसार भाजपा ने शिवसेना को उपमुख्यमंत्री और 13 मंत्रियों का प्रस्ताव दिया है, लेकिन शिवसेना 50-50 के फार्मूले पर अड़ी हुई है और सरकार में आधी-आधी की भागीदारी चाहती है।
राउत ने फिर दोहराया है जो तय हुआ है, उसी आधार पर हमें सरकार में भागीदारी चाहिए। न कम न ज्यादा। लोकसभा चुनाव के दौरान तय किए गए फार्मूले पर भाजपा अमल करे।
इधर, भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन ने शिवसेना के लिए रेड कार्पेट डालने का संकेत दिया है। कांग्रेस-एनसीपी के जिम्मेदार नेताओं का मानना है कि शिवसेना की ओर से प्रस्ताव आने पर पार्टी आलाकमान से बात करके सरकार बनाने पर निर्णय लिया जाएगा।