जोधपुर, 17 जून (हि.स.)। बहुचर्चित हिरण शिकार मामले में फंसे फिल्म अभिनेता सलमान खान को सोमवार को झूठा शपथ पत्र मामले में जोधपुर कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सीजेएम ग्रामीण अंकित रमन की कोर्ट ने सलमान पर फैसला सुनाते हुए सरकार की दोनों अर्जियों को खारिज कर दिया है। उन पर हथियार का लाइसेंस खो जाने के झूठा शपथ पत्र पेश करने का आरोप था। वहीं सलमान ने भी अभियोजन अधिकारी के खिलाफ पेश अर्जी वापस ले ली।
दरअसल काला हिरण शिकार मामले के साथ सलमान खान पर आम्र्स एक्ट का मामला भी दर्ज हुआ था जिसमें उन पर आरोप है कि उन्होंने कोर्ट में झूठा शपथ पत्र पेश किया था। वर्ष 1998 में काले हिरण शिकार मामले के दौरान उन्होंने अपने हथियार का लाइसेंस गुम हो जाने के चलते शपथ पत्र पेश किया था, जिसे झूठा बताया जा रहा है। सलमान ने यह बताया था कि उसके हथियारों के लाइसेंस खो गए है जबकि वह मुंबई कमिश्नर के पास नवीनीकरण के लिए जमा करवाएं हुए थे। साल 2006 में इस बात को लेकर सरकारी अधिवक्ता द्वारा धारा 340 की अर्जी कोर्ट में पेश कर सलमान पर कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराने की मांग की थी। पिछले सप्ताह इस मामले में सलमान खान की तरफ से कहा गया था कि उनका किसी भी तरह का यह मंतव्य नहीं था कि वह झूठा शपथ पत्र दे। एसे में उसके विरुद्ध किसी तरह की कार्यवाही करना न्यायोचित नहीं है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सोमवार को फैसला सुनाने की तारीख तय की थी। सीजेएम ग्रामीण अंकित रमन ने आज फैसले में राज्य सरकार की ओर से पेश की गई अपील को खारिज कर दिया। इसके साथ ही पेशी के दौरान सलमान द्वारा कथित रूप से गलत तथ्यों के आधार पर हाजरी माफी देने पर सरकार द्वारा पेश अर्जी को भी खारिज कर दिया गया है। इससे सलमान को बड़ी राहत मिली है। इस तरह सलमान जोधपुर कोर्ट में एक और मुकदमे का सामना करने से बच गए। उधर सलमान खान द्वारा अभियोजन अधिकारी ललित बोड़ा के खिलाफ दी गई इसी धारा के अंतर्गत अर्जी को आज वापस ले लिया गया। सलमान खान के अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने कहा कि हमने बड़ा दिल रखते हुए इस अर्जी को विड्रो कर लिया है । इस प्रकार आज तीनों प्रार्थना पत्र खारिज हो गए।
यह है मामला
वर्ष 1998 में सलमान अपनी फिल्म हम साथ-साथ है की शूटिंग के लिए जोधपुर आए थे। यहां उनके खिलाफ हिरण शिकार के तीन और एक आम्र्स एक्ट का केस दर्ज किया गया था। आम्र्स एक्ट में उन्हें पिछले साल बरी कर दिया गया। इस मामले की सुनवाई के दौरान सलमान को अपना लाइसेंस कोर्ट में जमा करवाना था लेकिन सलमान की तरफ से शपथ पत्र देकर बताया गया कि उनका लाइसेंस खो गया जबकि लाइसेंस नवीनीकरण के लिए दिया जाना सामने आया था। अभियोजन ने इस शपथ पत्र को झूठा बताते हुए कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाया और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 340 के तहत वर्ष 2006 में कार्रवाई करने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश किया था। इधर कोर्ट ने हिरण शिकार के तीन मामलों में सलमान को दोषी करार देकर सजा सुनाई है। इसमें से एक मामले में हाईकोर्ट से उन्हें बरी कर दिया है। शेष अन्य मामलों की सुनवाई हाईकोर्ट में लंबित है जबकि हाईकोर्ट से एक मामले में सलमान को बरी किए जाने के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।