ठाकरे सरकार ने घटायी तेंडुलकर की सुरक्षा, आदित्य ठाकरे की बढ़ायी

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 राज्य के गृह विभाग के तहत काम करने वाले स्टेट थ्रेट परसेप्शन कमेटी की सिफारिश पर यह फैसला लिया गया है।



मुंबई, 25 दिसम्बर (हि.स.)। महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार ने नेताओं, कलाकारों, खिलाड़ियों एवं विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख लोगों को राज्य सरकार की तरफ से मिली सुरक्षा में कुछ परिवर्तन किया है। भारत रत्न एवं क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर की सुरक्षा घटा दी गयी है, जबकि समाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और मुंबई की वर्ली सीट से शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे की सुरक्षा बढ़ायी गयी है। आदित्य, मुख्यमंत्री एवं शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के पुत्र हैं। राज्य के गृह विभाग के तहत काम करने वाले स्टेट थ्रेट परसेप्शन कमेटी की सिफारिश पर यह फैसला लिया गया है।

इस फैसले के मुताबिक विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े कुल 97 लोगों की सुरक्षा की समीक्षा की गयी है। इसमें से 29 लोगों की सुरक्षा में बदलाव किया गया है। 29 वर्षीय आदित्य ठाकरे को जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। उनको अब तक वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी। राकांपा प्रमुख शरद पवार को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा और उनके भतीजे पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को जेड श्रेणी की सुरक्षा मिलती रहेगी।

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की सुरक्षा वाई प्लस से बढ़ाकर जेड श्रेणी की गई है। उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक की सुरक्षा जेड प्लस से घटाकर एक्स श्रेणी की गई। भाजपा के पूर्व मंत्रियों- एकनाथ खडसे और राम शिंदे की सुरक्षा भी घटायी गयी है।

वर्ष 1993 के मुंबई बम विस्फोट जैसे अन्य कई हाई प्रोफाइल केस लड़ चुके जाने-माने अधिवक्ता उज्ज्वल निकम की सुरक्षा घटाकर वाई श्रेणी की कर दी गयी है। इससे पहले उनको जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी।

किस श्रेणी में कैसी होती है सुरक्षा

एक्स श्रेणी : महज दो सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं। इसमें एक पर्सनल सिक्यूरिटी ऑफिसर भी होता है। कमांडो शामिल नहीं होते।

वाई श्रेणी : 11 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं। इनमें एक या दो कमांडो और दो पीएसओ भी शामिल होते हैं।

जेड श्रेणी : 22 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं, जिसमें एनएसजी के पांच कमांडो भी होते हैं। अतिरिक्त सुरक्षा दिल्ली पुलिस या सीआरपीएफ की ओर से मुहैया कराई जाती है। इसमें एक एस्कॉर्ट वाहन भी शामिल होता है। कमांडो मशीनगन और अत्याधुनिक संचार के साधनों से लैस रहते हैं। इनके पास बगैर हथियार के लड़ने का भी अनुभव होता है।

जेड प्लस : 36 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं। इसमें एनएसजी के भी 10 कमांडो होते हैं, जो अत्याधुनिक हथियारों से लैस होते हैं।

 


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