मुंबई, 07 अप्रैल (हि.स.)। एंटीलिया प्रकरण में गिरफ्तार पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाझे ने एनआईए कस्टडी में पत्र लिखकर पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर अपनी बहाली के लिए दो करोड़ रुपये मांगने का आरोप लगाया है। इस पत्र में सचिन वाझे ने दावा किया है कि अनिल देशमुख ने शरद पवार से बात कर उनकी बहाली में कोई अड़चन नहीं आने देने की बात कही थी। साथ ही सचिन वाझे ने अपने पत्र में यह भी कहा है कि परिवहन मंत्री अनिल परब ने भी उन्हें किसी ठेकेदार से 50 करोड़ रुपये की रंगदारी वसूलने के लिए कहा था। हालांकि सचिन वाझे के इन आरोपों को परिवहन मंत्री अनिल परब ने झूठ का पुलिंदा बताया है।
जानकारी के अनुसार सचिन वाझे एंटीलिया बंगले के पास जिलेटिन भरी कार रखने के मामले में एनआईए की कस्टडी में हैं। सचिन वाझे ने वकील के साथ मिलकर विशेष कोर्ट के न्यायाधीश को संबोधित करते हुए पत्र लिखा है। हालांकि अभी तक इस पत्र के न्यायाधीश तक पहुंचने की पुष्टि नहीं हो सकी है। सचिन वाझे ने अपने पत्र में लिखा है कि अनिल देशमुख ने उनकी बहाली के लिए दो करोड़ रुपये की मांग की थी। साथ ही अनिल देशमुख ने मुंबई की 1650 होटलों से रंगदारी वसूलने के लिए कहा था। इस बाबत उन्होंने पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह से चर्चा की और परमबीर सिंह ने ऐसा कोई भी काम करने से मना कर दिया था। इसी तरह परिवहन मंत्री अनिल परब ने भी उनके ठेकेदारों से रंगदारी वसूलने के लिए कहा था।
सचिन वाझे का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होते ही परिवहन मंत्री अनिल परब ने पत्रकार वार्ता कर इन सभी आरोपों को झूठ बताया है। अनिल परब ने कहा कि सचिन वाझे के इस पत्र से पहले ही विपक्ष कह रहा था कि महाविकास आघाड़ी सरकार के कई मंत्री बहुत जल्द इस्तीफा देने वाले हैं। इसलिए यह सब विपक्ष के इशारे पर सरकार को बदनाम करने के लिए सचिन वाझे का यह पत्र वायरल किया गया है। अनिल परब ने कहा कि वह इस मामले में नार्को टेस्ट के लिए भी तैयार हैं।