दो साल सब्यसाची ने छोड़ी भाजपा, तृणमूल का थामा झंडा
कोलकाता, 07 अक्टूबर (हि.स.)। विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की प्रचंड जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी की बंगाल इकाई को लगातार झटके लग रहे हैं। पूर्व विधायक सब्यसाची दत्त ने भी तृणमूल कांग्रेस में वापसी कर ली है। गुरुवार को विधानसभा में जाकर उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी के हाथों पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है।
दरअसल, साल 2019 के दुर्गा पूजा के समय सब्यसाची ने तृणमूल के विधायक रहते भाजपा में शामिल हो गए थे। अब दो साल तक भाजपा में रहने के बाद गुरुवार को उन्होंने भाजपा छोड़कर अपनी पुरानी पार्टी में घर वापसी कर ली है। दोपहर के समय जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अन्य दो नवनिर्वाचित विधायकों के साथ शपथ लेने के लिए विधानसभा गई थीं, उसी समय सब्यसाची भी पहुंच गए थे।
जानकारी मिली है कि मुकुल राय सब्यसाची दत्त को अपने साथ ले गए थे। विधानसभा में सबसे पहले दत्त ने ममता बनर्जी से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया। उसके बाद तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और राज्य के मंत्री पार्थ चटर्जी के केबिन में गए। वहां कुछ देर तक वार्ता के बाद उन्होंने आधिकारिक तौर पर तृणमूल का दामन थाम लिया। पार्थ चटर्जी ने उन्हें पार्टी का झंडा थमाया।
इस मौके पर सब्यसाची ने कहा कि तृणमूल को लेकर कुछ गलतफहमी हो गई थी जिसके कारण उन्होंने पार्टी छोड़ी थी। अब वापस लौट कर अच्छा लग रहा है। जिस तरह से पार्टी के शीर्ष नेता निर्देश देंगे, उसी तरह से काम करेंगे। ममता बनर्जी ने मुझे फिर से स्वीकार किया है, इसके लिए कृतज्ञ हूं।
पार्थ चटर्जी ने कहा कि आज दीदी ने विधायक के तौर पर तीसरी बार शपथ ली है। ऐसे समय पर सब्यसाची की वापसी पार्टी के लिए शुभ है। उनके आने से निश्चित तौर पर पार्टी को मजबूती मिली है।
उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही सब्यसाची ने लखीमपुर खीरी हत्याकांड को लेकर भाजपा की तीखी आलोचना की थी। इसके बाद से उनके तृणमूल में वापसी के कयास लगाए जा रहे थे। इसके अलावा विधानसभा चुनाव के बाद से ही उनके तेवर बगावती थे और पार्टी की कार्यशैली पर गाहे-बगाहे सवाल उठाते रहते थे।